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केजरीवाल सरकार की जनधन बर्बादी सी.ए.जी. ने जो सवाल खड़े किये हैं, केजरीवाल उन पर जवाब दें : वीरेन्द्र सचदेवा

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने एक प्रेस वार्ता में दिल्ली सरकार और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर सी.ए.जी. रिपोर्टों को दबाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता बार-बार यह सोचती है कि आखिर क्यों अरविंद केजरीवाल और आतिशी मार्लेना सी.ए.जी. रिपोर्ट को दिल्ली विधानसभा में पेश नहीं करना चाहते। इस मौके पर भाजपा प्रवक्ता शुभेंदु शेखर अवस्थी भी मौजूद थे।

सचदेवा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणियों के बावजूद केजरीवाल सरकार ने सी.ए.जी. रिपोर्ट को सदन में नहीं रखा। यह साफ संकेत देता है कि मुख्यमंत्री इन रिपोर्टों से डरते हैं। उन्होंने हाल ही में शीशमहल बंगले से जुड़ी सी.ए.जी. रिपोर्ट का हिस्सा सार्वजनिक किया और अब दिल्ली सरकार के विज्ञापन खर्चों पर सी.ए.जी. की रिपोर्ट के हवाले से आरोप लगाए।

वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाया कि जब शीशमहल बंगले से जुड़ी सी.ए.जी. रिपोर्ट का जिक्र किया गया तो आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने इसे फर्जी करार दिया। उन्होंने चुनौती दी कि अगर रिपोर्ट फर्जी है, तो असली रिपोर्ट में क्या लिखा है, इसे जनता के सामने रखा जाए। भाजपा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री केजरीवाल, आतिशी और संजय सिंह को चुनौती दी कि वे विधानसभा सत्र बुलाकर सी.ए.जी. रिपोर्ट सदन में पेश करें और भाजपा से बहस करें।

सचदेवा ने सी.ए.जी. की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में जब दिल्ली कोविड से जूझ रही थी, उस समय केजरीवाल सरकार ने चार योजनाओं के प्रचार पर योजनाओं की मूल लागत से 31 गुना अधिक खर्च किया।

बिजनेस ब्लास्टर स्कीम: योजना पर खर्च 54.08 करोड़ रुपये, लेकिन प्रचार पर 80.02 करोड़ रुपये।

देश के मेंटोर: योजना पर सिर्फ 1.90 करोड़ रुपये, लेकिन प्रचार पर 27.90 करोड़ रुपये।

पराली योजना: योजना पर मात्र 0.77 लाख रुपये, लेकिन प्रचार पर 27.89 करोड़ रुपये।

स्मॉग टावर: योजना पर 20 करोड़ रुपये, लेकिन प्रचार पर 5.88 करोड़ रुपये।

वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि संविधान और सामान्य वित्त नियमों के अनुसार, सरकारों को खर्च तर्कसंगत और लाभकारी बनाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश हैं कि विज्ञापन पर खर्च तभी हो जब जनता को योजनाओं की जानकारी देने की आवश्यकता हो। उन्होंने सवाल किया कि क्या योजनाओं के प्रचार पर इतना बड़ा खर्च सही है? उन्होंने केजरीवाल से सीधे इन सवालों का जवाब देने की मांग की और दिल्ली की जनता से अपील की कि वह इस मुद्दे पर जवाबदेही मांगे।