लंदन हाईकोर्ट से नीरव मोदी को लगा झटका, 10वीं बार ख़ारिज हुई जमानत याचिका, सीबीआई की दलीलें रहीं भारी

लंदन हाईकोर्ट ने एक बार फिर भारत के वांछित हीरा कारोबारी और आर्थिक अपराधी नीरव मोदी की जमानत याचिका खारिज कर दी है। यह याचिका उसकी गिरफ्तारी के बाद से दायर की गई 10वीं याचिका थी, जिसे किंग्स बेंच डिवीजन ने सुनवाई के बाद अस्वीकार कर दिया।
सीबीआई ने इस याचिका का पुरजोर विरोध किया और ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस के वकीलों ने भी अदालत में इसका समर्थन किया। सीबीआई की एक विशेष टीम ने कानूनी और जांच से जुड़ी सूचनाएं मुहैया कराते हुए लंदन में उपस्थित होकर मजबूत पक्ष रखा।
नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक से 6,498.20 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है। वर्ष 2018 में यह मामला सामने आने के बाद वह देश छोड़कर भाग गया था। मार्च 2019 में उसे ब्रिटिश अधिकारियों ने लंदन में गिरफ्तार किया था और तब से वह जेल में बंद है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी उसके खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के अंतर्गत मामला दर्ज किया है। जांच के दौरान उसके ठिकानों पर छापेमारी कर हीरे, सोने, मोतियों और बहुमूल्य रत्नों की जब्ती की गई थी।

सीबीआई ने बताया कि ब्रिटेन की अदालत पहले ही भारत सरकार के पक्ष में नीरव मोदी के प्रत्यर्पण की अनुमति दे चुकी है और भारत सरकार उसे भारत वापस लाने के लिए लगातार कानूनी प्रक्रिया में जुटी हुई है।
पीएनबी घोटाले में नीरव मोदी के साथ उसका मामा मेहुल चोकसी भी मुख्य आरोपी है, जो फिलहाल अलग देश में छिपा हुआ है। दोनों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कानूनी कार्रवाई जारी है।