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राष्ट्रीय सहकारिता नीति-2025 का ऐलान, हर गांव में सहकारी समिति और 50 करोड़ लोगों को जोड़ने का लक्ष्य

राष्ट्रीय सहकारिता नीति-2025 का ऐलान, हर गांव में सहकारी समिति और 50 करोड़ लोगों को जोड़ने का लक्ष्य

केंद्र सरकार ने देश के सहकारी आंदोलन को नई दिशा देने के उद्देश्य से राष्ट्रीय सहकारिता नीति-2025 को आधिकारिक रूप से जारी कर दिया है। गुरुवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने इस नीति का उद्घाटन किया और इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ के विजन को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव बताया।

अमित शाह ने बताया कि इस नई नीति के माध्यम से 2034 तक सहकारी क्षेत्र का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में योगदान तीन गुना करने की योजना है। इसके साथ-साथ 50 करोड़ लोगों को सहकारी समितियों से जोड़कर उन्हें सदस्य बनाना और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करना भी नीति का प्रमुख उद्देश्य है।

हर गांव में गठित होंगी सहकारी समितियां
नई सहकारिता नीति के तहत देश के प्रत्येक गांव में कम से कम एक सहकारी समिति की स्थापना की जाएगी। इसके अलावा अब सहकारी समितियों को पर्यटन, टैक्सी सेवा, बीमा और हरित ऊर्जा (ग्रीन एनर्जी) जैसे क्षेत्रों में भी कार्य करने का अवसर मिलेगा।

सरकार ने घोषणा की है कि 'सहकार टैक्सी' सेवा इस वर्ष के अंत तक शुरू कर दी जाएगी। यह सेवा खासतौर पर टैक्सी चालकों के हितों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है, ताकि उनका सीधा मुनाफा सुनिश्चित किया जा सके। इसके तहत टैक्सी ड्राइवरों को सहकारी समितियों के माध्यम से लाभ मिलेगा, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो जाएगी।

PACS का तेजी से विस्तार
अब तक सरकार द्वारा 45,000 से अधिक प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) का निर्माण किया जा चुका है। यह नीति सहकारी संस्थानों को वित्तीय, सामाजिक और आर्थिक रूप से अधिक सक्षम बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।

सरकार का मानना है कि यह नीति स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन, सशक्त ग्रामीण समुदाय, और सहकारिता आधारित विकास मॉडल को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध होगी। सहकारी ढांचे को मजबूत कर सरकार ग्राम्य भारत की अर्थव्यवस्था को नई गति देना चाहती है।