दिल्ली : झारखंड भवन में अब सिर्फ माननीय और महानुभावों को मिलेगा कमरा, सरकार ने कनीय कर्मियों के लिए आरक्षण पर लगाई रोक
झारखंड सरकार ने नयी दिल्ली के न्यू झारखंड भवन में कमरों के आवंटन को लेकर एक नया दिशा-निर्देश जारी किया है। अब इस भवन में केवल मंत्री, सांसद, विधायक जैसे विशिष्ट जनप्रतिनिधि और उच्च पदस्थ अधिकारी ही ठहर सकेंगे। मंत्रिमंडल सचिवालय की ओर से जारी इस आदेश में स्पष्ट किया गया है कि अब राज्य सरकार के कनीय अधिकारी, कर्मचारी या महानुभावों की सिफारिश पर आम लोगों को निजी भुगतान पर कमरा नहीं दिया जाएगा। यह आदेश संयुक्त सचिव अखलेश कुमार सिन्हा द्वारा जारी किया गया है और इसे सभी वरिष्ठ अधिकारियों जैसे अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, डीजीपी, आयुक्त, उपायुक्त, एसएसपी और एसपी को भेजा गया है।
कमरे की मांग बढ़ने से लिया गया फैसला
सूत्रों के अनुसार, हाल के दिनों में मुख्यमंत्री के लगातार दिल्ली प्रवास और राज्य के मंत्री, विधायक, सांसदों के बढ़ते दौरे के कारण न्यू झारखंड भवन में कमरों की मांग काफी बढ़ गई है। जनप्रतिनिधि और उनके निजी सहायक यहां रुकने को प्राथमिकता देते हैं, क्योंकि यह सुविधाजनक और कम खर्चीला विकल्प है।
इस बढ़ते दबाव के चलते भवन में सीमित संसाधनों के बीच सभी को आवास उपलब्ध कराना विभाग के लिए मुश्किल होता जा रहा था। विशेष रूप से, जनप्रतिनिधियों की सिफारिश पर कम पदस्थ कर्मचारियों और अन्य व्यक्तियों को कमरा देने में कई तरह की अड़चनें आने लगी थीं।
अब सख्ती से लागू होंगे नए नियम
सरकार ने स्पष्ट किया है कि अब न्यू झारखंड भवन में केवल वरिष्ठ और माननीय व्यक्तियों को ही प्राथमिकता दी जाएगी। कनीय कर्मियों, कर्मचारियों या निजी तौर पर ठहरने के इच्छुक व्यक्तियों के लिए कमरा आवंटन तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है। यह निर्णय झारखंड भवन में व्यवस्था को सुचारु और न्यायसंगत बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है।







