ऑपरेशन सिंदूर: कश्मीर में अलर्ट, श्रीनगर में सेंट्रल कंट्रोल रूम स्थापित, सभी सरकारी कर्मियों की छुट्टी रद्द

भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी अड्डों पर किए गए सटीक मिसाइल और ड्रोन हमलों के बाद कश्मीर घाटी में सतर्कता बढ़ा दी गई है। श्रीनगर प्रशासन ने स्थिति की निगरानी के लिए एक केंद्रीकृत कंट्रोल रूम की स्थापना की है।
श्रीनगर के उपायुक्त कार्यालय में बनाए गए इस संयुक्त नियंत्रण कक्ष की निगरानी जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) कर रहा है। जिला मजिस्ट्रेट के आदेश के अनुसार यह कंट्रोल रूम चौबीसों घंटे सक्रिय रहेगा, ताकि सभी विभागों के बीच तालमेल बना रहे और किसी भी आपात स्थिति में तत्काल प्रतिक्रिया दी जा सके।
इसी तरह के कंट्रोल रूम कश्मीर के अन्य 10 जिलों में भी बनाए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि यह केंद्र आम नागरिकों के लिए एक शिकायत समाधान मंच के रूप में भी काम करेगा, जहां किसी भी तात्कालिक समस्या का समाधान तुरंत किया जा सकेगा।
उधर, जम्मू-कश्मीर सरकार ने सभी विभागों को निर्देश जारी किए हैं कि विशेष परिस्थिति को छोड़कर किसी भी कर्मचारी को छुट्टी न दी जाए, ताकि सभी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें।

मंगलवार देर रात भारतीय सशस्त्र बलों ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले का करारा जवाब देते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पीओके और पाकिस्तान के भीतर मौजूद लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को निशाना बनाया।
सेना के मुताबिक, मुरीदके स्थित लश्कर का मुख्यालय 'मरकज तैयबा', बहावलपुर में जैश का 'मरकज सुभान अल्लाह', सियालकोट में हिजबुल मुजाहिदीन का अड्डा और मुजफ्फराबाद के शावाई नाला में आतंकी प्रशिक्षण शिविर को सटीकता से निशाना बनाया गया।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई पूरी तरह संतुलित, जिम्मेदार और टकराव को टालने वाली रही, जो कुल 25 मिनट तक चली। उन्होंने यह भी बताया कि यह हमला संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के उस बयान के अनुरूप था, जिसमें पहलगाम हमले के दोषियों को सजा दिलाने की बात कही गई थी।
मिसरी ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा अपने कब्जे वाले क्षेत्रों में आतंकी ढांचे पर कोई ठोस कार्रवाई न करने के चलते भारत को यह कदम उठाना पड़ा। यह हमला न केवल सुरक्षा का संदेश है, बल्कि न्याय और जवाबदेही की दिशा में भारत का ठोस कदम भी है।