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यात्रीगण कृपया ध्यान दें! जल्द लॉन्च होगा वन्दे भारत का स्लीपर वर्जन

 
रेलवे अधिकारियों द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार, अप्रैल में वन्दे भारत के स्लीपर वर्जन का परीक्षण किया जाएगा और साल 2025 अंत तक चालू हो जाएगा।

रेलवे अब जल्द ही वन्दे भारत एक्सप्रेस का स्लीपर वर्जन लॉन्च करने वाला है। इसका पहला प्रोटोटाइप मार्च तक तैयार होने की उम्मीद है। रेलवे अधिकारियों द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार, अप्रैल में वन्दे भारत के स्लीपर वर्जन का परीक्षण किया जाएगा और साल 2025 अंत तक चालू हो जाएगा। इस बाबत रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वन्दे भारत स्लीपर ट्रेन, जिसे चेन्नई में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) में डिजाइन किया जा रहा है, यात्रा के समय को दो घंटे कम कर देगी।

अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “स्लीपर वंदे भारत ट्रेन रात के यात्रा मार्ग पर चलेगी।” यह सबसे पहले दिल्ली-मुंबई या दिल्ली-हावड़ा के बीच चलेगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, ”वंदे भारत स्लीपर, अमृत भारत और नमो भारत ट्रेनें यात्रियों के अनुभव को बदल रही हैं।”  उन्होंने यह भी कहा कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की टाइमिंग पर भी चर्चा की जा रही है। 

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का इंटीरियर डिजाइन आधुनिक होगा। अधिकारी ने कहा, ”ट्रेन में 16 डिब्बे होंगे।” 3 टियर, 2 टियर और 1AC कोच। बेंगलुरु स्थित आईसीएफ और भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) कारखाने नए स्लीपर कोट का निर्माण कर रहे हैं, उन्होंने आगे कहा, “बर्थ, एयर डक्ट, केबल डक्ट, वॉशरूम के डिजाइन पर काम किया जा रहा है। वर्तमान में, बीईएमएल आईसीएफ के लिए ऐसी दस ट्रेनों का निर्माण कर रहा है।

वंदे भारत कोच स्टेनलेस स्टील से बने हैं। इसलिए, यह हल्का और मजबूत है। इसके कोचों को अधिकतम 160 से 200 किमी प्रति घंटे की गति से चलने के लिए डिज़ाइन किया गया है। कोच में स्वचालित दरवाजे होते हैं, जो मेट्रो के दरवाजे की तरह खुलते हैं। यात्रियों की सुरक्षा के लिए दरवाजे केवल तभी खुलते हैं जब ट्रेन रुकती है। वंदे भारत के कोच वातानुकूलित हैं। ऑनबोर्ड वाईफाई उपलब्ध है। मोबाइल और लैपटॉप चार्ज करने के लिए प्रत्येक सीट के पास चार्जिंग पॉइंट दिए गए हैं। यह जीपीएस सिस्टम से लैस है जिसके जरिए यात्रियों को आने वाले स्टेशनों और अन्य सूचनाओं की जानकारी मिलती रहती है।

भारतीय रेलवे की मेल-एक्सप्रेस ट्रेनें जल्द ही ट्रैक पर 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी। अब इन्हें वंदे भारत कोच के मानकों के अनुरूप बदला जाएगा। इसके कोचों को अधिकतम 160 से 200 किमी प्रति घंटे की गति से चलने के लिए डिज़ाइन किया गया है। मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों में दशकों पुराने लोहे के ICF कोचों को 110 किमी प्रति घंटे की गति से चलाने के लिए डिज़ाइन किया गया था, लेकिन भारतीय रेलवे के बेड़े में मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों के लगभग 2,200 पुराने कोच (ICF) बदले जाने वाले हैं।