'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद पहली केंद्रीय मंत्रिपरिषद बैठक की तैयारी, राष्ट्रीय सुरक्षा और नीतियों पर होगा मंथन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4 जून को केंद्रीय मंत्रिपरिषद की एक अहम बैठक की अध्यक्षता करने वाले हैं। यह बैठक 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद होने वाली पहली उच्च स्तरीय चर्चा होगी, जिसे भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर अंजाम दिया था।
इस सैन्य अभियान की पृष्ठभूमि अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से जुड़ी है, जिसमें छुट्टियां मना रहे 26 आम नागरिकों की जान चली गई थी। इसके जवाब में 7 मई को भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया, जिसमें नौ आतंकी अड्डों पर सटीक हमले किए गए। इस दौरान पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों और एयरबेस पर भी जवाबी कार्रवाई की गई, जिससे भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्धता स्पष्ट हुई।

भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन को पूरी योजना और दक्षता के साथ अंजाम दिया। इस कार्रवाई ने भारत की रणनीतिक क्षमताओं और आतंक के विरुद्ध उसके रुख को और भी मजबूती से सामने रखा।
बैठक में इस सैन्य अभियान की विस्तृत रिपोर्ट पेश की जाएगी, जिसमें उसके निष्पादन, प्रभाव और आगे की रणनीति पर चर्चा होगी। साथ ही, यह बैठक प्रधानमंत्री मोदी के तीसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ के उपलक्ष्य में भाजपा द्वारा प्रस्तावित आयोजनों की योजना को भी अंतिम रूप दे सकती है।
प्रधानमंत्री मोदी इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक दिशा और विदेश नीति पर विशेष जोर देते हुए शासन की भविष्य की रूपरेखा प्रस्तुत कर सकते हैं। यह सत्र सरकारी योजनाओं की समीक्षा और उनके प्रभावी क्रियान्वयन की दिशा में मार्गदर्शन का भी कार्य करेगा।
गौरतलब है कि मंत्रिपरिषद की बैठक हर तीन महीने में आयोजित होती है, जिसमें वरिष्ठ अधिकारी और नीति निर्माता देश से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर विमर्श करते हैं। 'ऑपरेशन सिंदूर' के चलते इस बार की बैठक को विशेष महत्व दिया जा रहा है।