प्रो. आपटे की 13वीं पुण्यतिथि पर 'समिधा' का लोकार्पण, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और दत्तात्रेय होसबाले रहे उपस्थित
भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्य सभा सांसद प्रोफेसर बलवंत परशुराम आपटे की 13वीं पुण्यतिथि पर आज एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने डॉ राकेश मिश्रा द्वारा लिखी गई “समिधा” नामक पुस्तक का विमोचन किया।
केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा, सांसद बांसुरी स्वराज, प्रभात प्रकाशन के प्रभात, विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता, वी सतीश सहित कई प्रमुख गणमान्य भी उपस्थित थे।
डॉ राकेश मिश्रा द्वारा लिखी गई किताब 50 आर्टिकल्स का एक संग्रह है जिसमें प्रो. बाल आप्टे के जीवन के कई पहलुओं को दर्शाने के साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को लेकर 6 लेख और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जीवन की 6 प्रमुख घटनाओं को बेहद ही रोचक तरीके से दर्शाया गया है।
भूपेन्द्र यादव ने डॉक्टर राकेश मिश्रा को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने अपने विचारो को पुस्तक के रूप में प्रतिपादित किया है जो बताता है कि डॉक्टर राकेश मिश्रा की राजनीतिक समझ और सामाजिक उपलब्धि बहुत बड़ी है। उन्होंने कहा कि समिधा का अर्थ है अग्नि को लकड़ी, सुगंधित पदार्थ इत्यादि समर्पित करना। परशुराम आपटे हमारे लिए बहुत आदर्श श्रेष्ठ व्यक्ति थे वह अपने समय की बहुत ही पाबंद व्यक्ति थे और सुप्रीम कोर्ट में जो सीनियर एडवोकेट का फी होता था उससे कहीं कम उनका फी होता था और इसका कारण था कि उनके पास लीवर का केस बहुत आता था।
भूपेन्द्र यादव ने कहा कि परशुराम आपटे के साथ रहकर सीखने के लिए बहुत कुछ सीखा और यह वह व्यक्ति थे जिन्होंने भाजपा को संवारने का काम किया है। राकेश ने पुस्तक में पर्यावरण को लेकर भी चर्चा की है और आज के दौर में पर्यावरण अपने आप में बहुत बड़ी चुनौती है। पिछले 10 वर्षों में भारत ने कई कदम उठाए जैसे इंटरनेशनल सोलर बनाया जिसका मुख्यालय गुड़गांव में है। इसमें 137 देश सहभागी हैं।
हम एक पेड़ लगाकर धरती द्वारा जो जीवन हमे दिया गया है उसको हम थोड़ा बहुत जस्टिफाई कर सकते हैं। प्राकृतिक के प्रति हमारा कुछ कृतज्ञता है और उसी शृंखला में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक पेड़ माँ के नाम जो अभियान चलाया उसके माध्यम से आज 140 करोड़ पेड़ पूरे देश भर में लगाये गए हैं। सेव एनर्जी एंड फ़ूड के साथ पानी को संरक्षित करना भी हमारा लक्ष्य होना चाहिए। इसके साथ ही प्लास्टिक पर बैन और सिंगल यूज प्लास्टिक को अपनाना होगा। ताकि मिशन लाइफ को हम पूरा कर सकेंगे।
दत्तात्रेय होसबाले ने अपने संबोधन में कहा कि विभिन्न विषयों पर चिंतन कर उसको पुस्तक का रूप देना एक बड़ी उपलब्धि है। प्रोफेसर बाल आपटे जी को लेकर, श्यामा प्रसाद मुखर्जी को लेकर, सरदार वल्लभभाई पटेल सहित कई सामाजिक पहलुओं पर लिखी गई यह पुस्तक चेतना बतायेगी। उन्होंने कहा कि दुनिया की राजनीति को देखना लेकिन जीवन में एक वैचारिक संतुलन को बौद्धिक रूप में ऐसे व्यक्त किया इसलिए वह वक्ता और संगठन के धनी व्यक्ति थे।
होसबाले ने कहा कि कार्यकर्ता का स्तर आयु के अनुसार भले ही कम हो सकता है लेकिन उनके साथ बैठना और उनकी बातें सुनना परशुराम आपटे ने वर्षों तक किया। उन्होंने कहा कि आज उनके स्मृति दिवस के इस अवसर पर हम उन्हें याद करते हैं और उनके जैसे व्यक्ति को आज के संदर्भ के रूप में होना चाहिए था क्योंकि उनके जैसा विचारवादी व्यक्ति हम जैसे संगठन जैसे व्यक्ति का होना चाहिए। कार्यकर्ता के साथ कार्यकर्ता बनकर रहना आपटे जी की पहचान थी।
मनुष्य के अंदर आलस, अहंकार, नफ़रत और स्वार्थ जैसे प्रदूषण को भी ठीक करने की जरूरत है क्योंकि अगर पर्यावरण को बदलने की बात है तो मनुष्य को अपने जीवन शैली में बदलाव करने की जरूरत है। हमारे अंदर अहंकार नहीं है तो हम किसी को भी बता सकेंगे क्योंकि सिर्फ म्यूजियम में देखकर और किताबों में पढ़कर किसी को ज्ञान या सलाह नहीं दे सकते हैं।







