राज्यसभा से भी पास हुआ दिल्ली सेवा बिल, पक्ष में 131 तो इसके खिलाफ 102 पड़े वोट
राज्यसभा में सोमवार को पूरा दिन दिल्ली सेवा बिल (Delhi Service Bill) पर घमासान मचा रहा. गुरुवार को लोकसभा से पारित होने के बाद इस बिल को सोमवार को राज्यसभा में पेश किया गया. जिसके बाद राज्यसभा में भी बिल पास हो गया है. इस बिल के पक्ष में 131 जबकि इसके खिलाफ 102 वोट पड़े. अब राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ यह कानून की शक्ल ले लेगा. इस कानून के बाद दिल्ली में अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग में लेफ्टिनेंट गवर्नर की चलेगी.
आपको बता दें कि राज्यसभा में वोटिंग कराने के लिए पहले मशीन से वोटिंग का प्रावधान समझाया गया. लेकिन थोड़ी देर बाद उपसभापति ने घोषणा की कि मशीन में कुछ खराबी है इसलिए वोटिंग पर्ची के जरिए कराई जाएगी. वैसे इस बिल को लेकर कुछ विपक्षी सांसदों ने संशोधन भी बताए थे. लेकिन वोटिंग के जरिए बिल पास हो गया और संसद में दिल्ली सेवा बिल पर चर्चा खत्म होने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब दिया. इस दौरान अमित शाह ने कहा कि बिल के एक भी प्रावधान से पहले जो व्यवस्था थी, जब इस देश में कांग्रेस की सरकार थी, उस व्यवस्था में किंचित मात्र भी परिवर्तन नहीं हो रहा है.
वैसे बिल पास होने के तुंरत बाद दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. केजरीवाल ने इस बिल के पास होने पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि बीजेपी पीछे के दरवाजे से ये बिल लेकर आई. उन्होंने पीएम के दिल्ली की सरकार में दखल देने पर भी आपत्ति जाहिर की. केजरीवाल ने कहा, "मैं जो भी करता हूं, दिल्ली की जनता उसका समर्थन करती है. उन्होंने मुझे चुनाव में जीत दिलाकर अपना समर्थन दिखाया है. बीजेपी सिर्फ हमारे अच्छे काम को रोकने की कोशिश कर रही है. वे विकास कार्यों में बाधा डाल रहे हैं. वे मुझे काम करने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं. इस बार जनता उन्हें कोई सीट नहीं जीतने देगी."