दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ा सीरियल किलर चंद्रकांत झा, हत्या के बाद जेल के आसपास फेंकता था शव के टुकड़े

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने तीन महीने की लंबी जांच के बाद कुख्यात सीरियल किलर और पैरोल जम्पर चंद्रकांत झा को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया। चंद्रकांत झा, जिसे 2013 में हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा मिली थी, ने 2023 में मिली 90 दिनों की पैरोल के दौरान दिल्ली के तिहाड़ जेल के आसपास कई हत्या की घटनाओं को अंजाम दिया। पैरोल खत्म होने के बाद वह जेल वापस नहीं लौटा था, जिससे उसकी तलाश तेज हो गई थी।
चंद्रकांत झा की आपराधिक गतिविधियाँ बेहद खतरनाक और रहस्यमय रही हैं। 2022 में नेटफ्लिक्स पर उसकी जीवन पर आधारित डॉक्यूमेंट्री "इंडियन प्रीडेटर: द बुचर ऑफ दिल्ली" रिलीज हुई थी, जिसमें उसकी बर्बरता को उजागर किया गया। 1998 से 2007 के बीच उसने पश्चिमी दिल्ली में आठ लोगों की हत्या की थी। चंद्रकांत अपने शिकार से पहले दोस्ती करता था और फिर मौका पाकर उसे मार देता था। वह ज्यादातर बिहार और उत्तर प्रदेश से आए प्रवासी मजदूरों को नौकरी के झांसे में फंसा कर उन्हें अपना शिकार बनाता था।

चंद्रकांत झा के हत्या के तरीके बहुत ही क्रूर थे। वह हत्या के बाद शव के टुकड़े कर देता था और तिहाड़ जेल के आसपास फेंक देता था। इसके साथ वह एक चिट्ठी भी छोड़ता था, जिसमें लिखा होता था, "मैने हत्या की है, अगर तुम पकड़ सकते हो तो पकड़ लो।" उसकी यह चिट्ठी उसके शातिर अपराधी दिमाग का परिचायक थी और दिल्ली पुलिस के लिए एक बड़ा सिरदर्द बन चुकी थी।
2007 में दिल्ली पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और 2013 में तीन हत्याओं के मामले में उसे मौत की सजा और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। हालांकि, 2016 में उसकी मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया गया। चंद्रकांत झा ने दो शादियां की थीं। एक पत्नी को शादी के बाद छोड़ दिया, जबकि दूसरी पत्नी से उसकी चार बेटियां थीं। वह ज्यादातर समय अपने परिवार से दूर ही रहता था।