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CAA के खिलाफ दायर 237 याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

नागरिकता संशोधन क़ानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। ज्ञातव्य हो कि, नागरिकता संशोधन क़ानून (CAA) पर रोक लगाने हेतु कुल 237 याचिकाएं दायर की गयी हैं। दायर याचिकाओं में से 4 में कानून पर रोक लगाने की मांग की गई है। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML), असम के कांग्रेस नेता देबब्रत सैकिया, असम जातीयतावादी युवा छात्र परिषद, डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया ने आवेदन दायर किए हैं। 11 मार्च को केंद्र सरकार ने CAA लागू होने का नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए शरणार्थियों को नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो गया है।

CAA की 3 महत्वपूर्ण बातें :

1. किसे मिलेगी नागरिकता: 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता दी जाएगी। इन तीन देशों के लोग ही नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे।

2. भारतीय नागरिकों पर क्या असर: भारतीय नागरिकों से CAA का कोई सरोकार नहीं है। संविधान के तहत भारतीयों को नागरिकता का अधिकार है। CAA या कोई कानून इसे नहीं छीन सकता।

3. आवेदन कैसे कर सकेंगे: आवेदन ऑनलाइन करना होगा। आवेदक को बताना होगा कि वे भारत कब आए। पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेज न होने पर भी आवेदन कर पाएंगे। इसके तहत भारत में रहने की अवधि 5 साल से अधिक रखी गई है। बाकी विदेशियों (मुस्लिम) के लिए यह अवधि 11 साल से अधिक है।