सर्जन वाइस एडमिरल आरती सरीन बनीं सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा की कमान संभालने वाली पहली महिला निदेशक
सर्जन वाइस एडमिरल आरती सरीन ने आज सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा (DGAFMS) के महानिदेशक के रूप में पदभार ग्रहण किया, जिससे वह इस पद को संभालने वाली पहली महिला अधिकारी बन गई हैं। वाइस एडमिरल सरीन, जो 46वीं DGAFMS बनी हैं, इससे पहले नौसेना और वायु सेना के चिकित्सा सेवाओं के महानिदेशक के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुकी हैं। इसके अलावा, उन्होंने पुणे स्थित सशस्त्र बल चिकित्सा महाविद्यालय (AFMC) में निदेशक और कमांडेंट का पद भी संभाला था।
तीनों सशस्त्र बलों में सेवा देने का अनूठा अनुभव
AFMC, पुणे की पूर्व छात्रा वाइस एडमिरल सरीन को दिसंबर 1985 में सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं में शामिल किया गया था। उनके पास AFMC, पुणे से रेडियोडायग्नोसिस में एमडी और टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल, मुंबई से रेडिएशन ऑन्कोलॉजी में डिप्लोमेट नेशनल बोर्ड की डिग्री है। अपने 38 साल के करियर में उन्होंने कई महत्वपूर्ण अकादमिक और प्रशासनिक पदों पर कार्य किया है, जिनमें आर्मी हॉस्पिटल और कमांड हॉस्पिटल में प्रोफेसर और रेडिएशन ऑन्कोलॉजी के प्रमुख, और आईएनएचएस अश्विनी में कमांडिंग ऑफिसर का पद शामिल हैं। उन्होंने भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना—तीनों शाखाओं में सेवा का गौरव हासिल किया है।
विशिष्ट सेवाओं के लिए मिले कई सम्मान
वाइस एडमिरल सरीन को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें 2024 में अति विशिष्ट सेवा पदक और 2021 में विशिष्ट सेवा पदक प्रमुख हैं। इसके अलावा, उन्हें 2017 में चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमेंडेशन, 2001 में चीफ ऑफ नेवल स्टाफ कमेंडेशन और 2013 में जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ कमेंडेशन से भी सम्मानित किया गया था। हाल ही में, उन्हें सुप्रीम कोर्ट द्वारा मेडिकल पेशेवरों के लिए सुरक्षित कार्य स्थितियों और प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए राष्ट्रीय टास्क फोर्स के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया था। DGAFMS का प्रमुख होने के नाते, वह सशस्त्र बलों के चिकित्सा नीति से संबंधित सभी मामलों के लिए रक्षा मंत्रालय के प्रति उत्तरदायी हैं।