अयोध्या में राम दरबार की भव्य प्राण प्रतिष्ठा सम्पन्न, परकोटे के 6 मंदिरों की भी हुई प्राण प्रतिष्ठा

अयोध्या के श्रीराम मंदिर में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा अभिजीत मुहूर्त में विधिवत रूप से संपन्न हो गई। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधिविधान से राम दरबार का पूजन किया। यह विशेष अनुष्ठान प्रातः 11:25 से 11:40 बजे के बीच सम्पन्न हुआ।
रामलला के गर्भगृह के ठीक ऊपर, प्रथम तल पर राम दरबार की स्थापना की गई है। इस दरबार में भगवान श्रीराम के साथ माता सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और भक्त हनुमान की भव्य मूर्तियां विराजमान हैं। इन मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा काशी से आए आचार्य जय प्रकाश त्रिपाठी और उनके नेतृत्व में 101 विद्वान पंडितों द्वारा संपन्न कराई गई।

राजसी रूप में श्रीराम की छवि
जहां बालरूप रामलला गर्भगृह में विराजमान हैं, वहीं राम दरबार में श्रीराम राजा के रूप में सिंहासन पर आसीन हैं। प्रतिष्ठा के दौरान मूर्तियों की आंखों पर बंधी पट्टियां खोली गईं और उन्हें परंपरागत रूप से आईना दिखाया गया। सभी भाइयों के हाथों में धनुष-बाण सुशोभित हैं।
भव्य आभूषणों से सुसज्जित राम दरबार
राम दरबार की शोभा बढ़ाने के लिए सूरत के प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश पटेल ने कीमती आभूषण दान में दिए हैं। विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश नेवादिया ने जानकारी दी कि इन आभूषणों में 1000 कैरेट हीरे, 30 किलो चांदी, 300 ग्राम सोना और 300 कैरेट रूबी शामिल हैं, जिनसे 11 मुकुट बनाए गए हैं। साथ ही गहनों में हार, कुंडल, तिलक और धनुष-बाण शामिल हैं। ये आभूषण विशेष चार्टर्ड विमान से अयोध्या लाए गए और राम मंदिर ट्रस्ट को समर्पित किए गए।
अन्य देवी-देवताओं की भी प्रतिष्ठा
मंदिर परिसर में ग्राउंड फ्लोर पर बने छह अन्य मंदिरों में भी प्राण प्रतिष्ठा की गई है। इनमें भगवान शिव, गणेश, हनुमान, सूर्यदेव, मां भगवती और मां अन्नपूर्णा की मूर्तियां स्थापित की गई हैं।
प्रतिष्ठा में संतों और ट्रस्ट पदाधिकारियों की उपस्थिति
जहां रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान देशभर की नामचीन हस्तियां मौजूद थीं, वहीं इस बार राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा में करीब 350 आमंत्रित अतिथि शामिल हुए। इनमें अधिकतर संत, साधु और ट्रस्ट के पदाधिकारी शामिल थे।
जयपुर में गढ़ी गईं संगमरमर की मूर्तियां
राम दरबार की सभी मूर्तियां जयपुर के मूर्तिकारों द्वारा मकराना के सफेद संगमरमर से निर्मित की गई हैं। भगवान श्रीराम और माता सीता सिंहासन पर विराजमान हैं, जबकि भरत और हनुमान उनके चरणों में श्रद्धा से बैठे हैं।