प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ के बाद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था, 4 फरवरी तक गाड़ियों की एंट्री पर रोक

प्रयागराज महाकुंभ में बुधवार को हुई भगदड़ के बाद हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं। बुधवार की घटना के बाद मेला क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को सख्त किया गया है, और आने-जाने के रास्तों को अलग कर दिया गया है। इसके साथ ही, शहर में गाड़ियों की एंट्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है, यानी यहां अब किसी भी प्रकार की गाड़ी की एंट्री नहीं होगी। इसके अलावा, वीवीआईपी पास भी रद्द कर दिए गए हैं। यह नियम 4 फरवरी तक लागू रहेंगे।
मौनी अमावस्या पर मंगलवार से बुधवार की रात को हुई भगदड़ में 35 से 40 लोगों की मौत हो गई, हालांकि सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 30 मौतों की पुष्टि की गई है और 60 लोग घायल हुए हैं। घटना के 34 घंटे बाद भी लोग अपने खोए हुए रिश्तेदारों को ढूंढने के लिए संगम क्षेत्र में आ रहे हैं। एक युवक ने बताया, "मेरी मां भगदड़ के बाद से लापता हैं, मैं दिल्ली से आया हूं और उन्हें ढूंढ रहा हूं, लेकिन उनका अब तक कोई पता नहीं चल पाया है।"

इसी बीच, सरकार ने 2019 के कुंभ में तैनात रहे दो अफसरों - IAS आशीष गोयल और भानु गोस्वामी को तुरंत प्रयागराज बुलाया है, ताकि व्यवस्थाओं में और सुधार किए जा सकें।
सुप्रीम कोर्ट में इस घटना को लेकर जनहित याचिका भी दायर की गई है, जिसमें यूपी सरकार से स्थिति रिपोर्ट और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि धार्मिक आयोजनों में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए ठोस व्यवस्था बनाई जानी चाहिए।
महाकुंभ का आज 18वां दिन है और 13 जनवरी से शुरू हुए इस आयोजन में अब तक 27.58 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। मौनी अमावस्या के अवसर पर 29 जनवरी को करीब आठ करोड़ लोग संगम में स्नान करने पहुंचे थे, जिसके कारण भारी भीड़ के बीच भगदड़ मच गई थी और कई लोग अपनों से बिछड़ गए थे।