एअर इंडिया पर मुआवजा टालने का आरोप, पीड़ित परिवारों ने जताई नाराज़गी, एअर इंडिया ने कहा- दावे गलत और आधारहीन

अहमदाबाद में 12 जून को हुए भीषण प्लेन हादसे के बाद अब पीड़ितों के परिजनों ने एअर इंडिया पर मुआवजा न देने की कोशिश करने का गंभीर आरोप लगाया है। ब्रिटेन की नामचीन कानूनी फर्म स्टीवर्ट्स जो 40 से ज्यादा परिवारों का प्रतिनिधित्व कर रही है, ने कहा है कि एयरलाइन जानबूझकर परिजनों पर दबाव बनाकर कानूनी और वित्तीय जानकारी मांग रही है, जिससे उनका मुआवजे का हक कम किया जा सके।
फर्म के वरिष्ठ वकील पीटर नीनन ने आरोप लगाया कि एयर इंडिया द्वारा पीड़ित परिवारों के साथ व्यवहार न केवल असंवेदनशील है, बल्कि अपमानजनक भी है। उन्होंने कहा कि यह रणनीति लगभग ₹1,050 करोड़ की मुआवजा राशि बचाने के लिए अपनाई गई है। नीनन ने यह भी स्पष्ट किया कि उनके क्लाइंट्स को सलाह दी गई है कि वे फॉर्म न भरें और अपने अधिकार के लिए न्यायिक प्रक्रिया अपनाएं।

हादसे में 270 लोगों की गई थी जान
यह दुर्घटना तब हुई जब एयर इंडिया की उड़ान संख्या AI 171 अहमदाबाद से लंदन जा रही थी, और तकनीकी खराबी के चलते विमान एक मेडिकल हॉस्टल पर जा गिरा। विमान में मौजूद 242 लोगों में से सिर्फ एक व्यक्ति की जान बची, जबकि हॉस्टल में मौजूद 29 लोगों समेत कुल 270 लोगों की मृत्यु हो गई। इस हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का भी निधन हुआ था।
एयर इंडिया की सफाई – मुआवजा प्रक्रिया पारदर्शी और सरल
एअर इंडिया ने सभी आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है। एयरलाइन का कहना है कि उन्होंने फॉर्म को केवल परिजनों की पहचान सुनिश्चित करने के उद्देश्य से तैयार किया है ताकि मुआवजा सही और पात्र व्यक्ति को ही मिले। एअर इंडिया ने यह भी बताया कि कुछ पीड़ित परिवारों को अंतरिम मुआवजा देना शुरू कर दिया गया है और सभी को मदद पहुंचाने की कोशिश जारी है।
नीनन का आरोप – कोई कानूनी मदद या जानकारी नहीं दी गई
पीटर नीनन ने यह भी आरोप लगाया कि परिजनों को न तो किसी प्रकार की कानूनी सलाह दी गई और न ही उन दस्तावेजों की प्रति दी गई जिन्हें भरने के लिए कहा गया। कुछ मामलों में एअर इंडिया के प्रतिनिधि पीड़ितों के घर जाकर दबाव बनाने लगे कि जब तक फॉर्म नहीं भरेंगे, मुआवजा नहीं मिलेगा। जबकि अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार, एयरलाइन को पहचान और हस्ताक्षर के बाद तुरंत अंतरिम मुआवजा देना होता है, फॉर्म भरना आवश्यक नहीं है।