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दिल्लीवासियों को प्रदूषण से गैस चैंबर बनी दिल्ली और जहरीले पानी से कब मिलेगी राहत?: देवेन्द्र यादव

 
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने सर्दियों से पहले राजधानी में हर दिन बढ़ते प्रदूषण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच चल रही सत्ता की जंग के कारण दिल्ली की जनता खतरनाक जानलेवा प्रदूषण से प्रभावित हो रही है। दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम की निष्क्रियता के चलते पिछले 10 वर्षों से जल और वायु प्रदूषण के कारण दिल्लीवाले हृदय, मस्तिष्क, अस्थमा, फेंफड़ों, एलर्जी, कफ व कोल्ड, आखों आदि बीमारियों से ग्रसित हो रहे है। औसतन 300 के पार लगातार बढ़ते ए.क्यू.आई के कारण प्रदूषण बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक है, जिसके प्रति केन्द्र की भाजपा और दिल्ली की आम आदमी पार्टी पूरी तरह से बेपरवाह है। उन्होंने कहा कि मौसम के बदलाव के कारण राजधानी फिर गैस चैंबर बन रही है। 
देवेन्द्र यादव ने कहा कि तथ्यों के अनुसार राजधानी में वाहनों से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत है, टूटी सड़कों के कारण धूल कण से प्रदूषण की हिस्सेदारी लगभग 30 प्रतिशत, पराली से प्रदूषण की हिस्सोदारी, खुले में कचरा जलाना, औद्योगिक  धुंए प्रदूषण के प्रमुख कारण है। प्रदूषण की पीएम 2.5 में हिस्सेदारी 40 प्रतिशत और पीएम 10 में हिस्सेदारी 20 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि अरविन्द केजरीवाल ने 2020 विधानसभा चुनाव जीतने के बाद प्रदूषण नियंत्रण के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों की क्रांति लाने की बात थी और 25 प्रतिशत ई-वाहन जोड़ने की घोषणा की थी। परंतु आज दिल्ली में सिर्फ 3 लाख इलेक्ट्रिक वाहन है, जबकि दिल्ली में कुल वाहनों की संख्या 1.50 करोड़ है, जिनमें 59 लाख वाहन अपनी आयु पूरी कर चुके है और दूसरे राज्यों के एक लाख वाहन ऐसे है जो प्रतिदिन दिल्ली में आते है। यह भी प्रदूषण का प्रमुख कारण बन रहे है। दिल्ली सरकार की ई-वाहन प्रोत्साहन नीति का अंदाजा लगाया जा सकता है कि 3 लाख वाहनां को रिचार्ज करने के लिए मात्र 19000 ई- वाहन रिचार्ज केन्द्र मौजूद है।
देवेन्द्र यादव ने कहा कि अगर एक शब्दों में कहा जाए तो आम आदमी पार्टी का दिल्ली में प्रदूषण कम करने का इरादा ही नही है। दिवाली के बाद छठ पर्व है जिसको लाखों पूर्वाचंल श्रद्धालु यमुना के जल अर्घ देकर सम्पूर्ण करते है परंतु आज यमुना के जल की गुणवत्ता का सूचकांक खराब श्रेणी में 293 तक नीचे गिर चुका है। दिल्ली सरकार की नाकामी के कारण यमुना में सफेद झाग वाला जहरीला पानी लोगों के घरों तक पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि करोड़ो रुपये यमुना सफाई के नाम पर भेंट चढ़ने के बावजूद त्यौहारों से पूर्व यमुना का जल जहरीला क्यों हो जाता है। उन्होंने कहा कि सरकार के अनुसार 2017-2021 के 5 वर्षों में यमुना सफाई के काम में 6856 करोड़ से अधिक खर्च हुए परंतु ऐसा लगता है कि सारा पैसा नाला बन चुकी यमुना के प्रदूषित जल में डूब गया। 
देवेन्द्र यादव ने कहा कि आतिशी सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण और अवलोकन के लिए 13 हॉटस्पॉट सुनिश्चित किए गए थे जहां प्रदूषण का स्तर अन्य जगहों से अधिक होता है और यहां प्रदूषण रोकथाम के लिए अतिरिक्त कदम उठाने का सरकार दम भरती रही है परंतु इन जगहों पर सबसे अधिक प्रदूषण होता, यह आम आदमी पार्टी की विफलता है, जो दिल्ली वालों के सामने उजागर हो चुकी है। बुधवार को आनंद विहार में एक्यूआई 429 खतरे की घंटी बजा रहा है, जबकि 13 में से 11 हॉटस्पॉट पर प्रदूषण स्तर 300 के पार बेहद खराब रहा। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी जल और वायु प्रदूषण को रोकने में चारों खाने चित हो गई है।