भाजपा ने केजरीवाल सरकार पर लगाया राजकोष के दुरुपयोग का आरोप, जानें क्या है मामला
दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने आम आदमी पार्टी की सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया है कि 2015 से 2025 के दो कार्यकालों में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रियों ने दिल्ली के राजकोष का बेजा इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि मोबाइल फोन जैसे सामान्य खर्चों में भी भारी गड़बड़ी की गई है।
कपूर ने बताया कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अपनी निर्धारित सीमा से चार गुना अधिक कीमत के मोबाइल फोन खरीदे। जहां एक मुख्यमंत्री को एक कार्यकाल में 50,000 रुपये तक के मोबाइल खरीदने की अनुमति है, वहीं केजरीवाल ने 2015, 2017, 2020 और 2022 में कुल 4,53,800 रुपये के मोबाइल खरीदे, वो भी प्रशासनिक आपत्तियों के बावजूद।
पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर भी कपूर ने आरोप लगाया कि उन्होंने नियमों को नजरअंदाज करते हुए दो कार्यकालों में 5.24 लाख रुपये के मोबाइल खरीदे, जबकि उनकी पात्रता केवल 90,000 रुपये तक थी। सिसोदिया ने 2017, 2018, 2019, 2021 और 2022 में पांच महंगे मोबाइल फोन लिए।
पूर्व मंत्री आतिशी मार्लेना को 95,000 रुपये तक के मोबाइल खरीदने की अनुमति थी, लेकिन उन्होंने 1,27,999 रुपये खर्च कर निर्धारित सीमा का उल्लंघन किया। भाजपा प्रवक्ता का दावा है कि उन्होंने पद छोड़ने के बाद भी ये मोबाइल फोन सरकार के जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट (GAD) को वापस नहीं किए।
इसके अलावा, पूर्व मंत्री गोपाल राय और इमरान हुसैन, जिन्हें दो कार्यकालों में चार मोबाइल की अनुमति थी, उन्होंने कुल सात मोबाइल खरीदे, जो निर्धारित संख्या से अधिक है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि नियमों के अनुसार मंत्री पद पर रहते हुए मोबाइल फोन जनरल एडमिनिस्ट्रेशन विभाग द्वारा उपलब्ध कराए जाते हैं और पदमुक्त होने पर इन्हें वापस करना आवश्यक होता है। लेकिन उपलब्ध जानकारी के अनुसार, अधिकतर मंत्री पद छोड़ने के बाद भी ये मोबाइल विभाग को लौटाने में विफल रहे हैं, जो स्पष्ट रूप से सरकारी नियमों का उल्लंघन है।
भाजपा ने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है और आरोप लगाया है कि केजरीवाल सरकार ने आम आदमी के पैसे का दुरुपयोग कर जनता के विश्वास को तोड़ा है।







