झारखंड में सीट शेयरिंग को लेकर महागठबंधन में संशय, दो सीटों पर अड़ी आरजेडी; कांग्रेस में एक ही सीट के कई दावेदार
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झारखंड में महागठबंधन कमज़ोर होता नज़र आ रहा है। कांग्रेस पार्टी के अंदर ही कई सीटों को लेकर पेंच फंसा हुआ है। एक सीट पर कई दावेदार हैं और कांग्रेस चुनाव से पहले किसी भी संभावित प्रत्याशी को नाराज़ नहीं करना चाहती है। रांची लोकसभा सीट के लिए सुबोधकांत सहाय का नाम लगभग तय था, हालांकि रामटहल चौधरी के कांग्रेस में आने से इस सीट पर दावेदारी को लेकर संशय दिखने लगा है। वहीं अगर बात करें महागठबंधन के बाकी घटक दलों कि तो राजद दो सीटों पर अड़ी हुई है, जबकि गठबंधन ने राजद के लिए एक सीट का दावा मंजूर किया था। वहीं भाकपा ने सीट ना मिलने पर पहले ही अपनी राह अलग कर ली है। इसके अलावा झारखंड मुक्ति मोर्चा अब धनबाद सीट पर सरयू की दावेदारी का समर्थन कर रही है जबकि कांग्रेस पार्टी के भीतर ही इसके कई दावेदार हैं।
दो सीट पर अड़ी राजद
प्रदेश राजद ने लालू प्रसाद व गठबंधन के नेताओं से मांग की है कि उसे चतरा व पलामू लोकसभा सीट दी जाए। यह मांग उसकी नहीं, बल्कि वहां की जनता की है। प्रदेश राजद दोनों सीटों पर जीत सुनिश्चित करेगा। प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार सिंह यादव, झारखंड सरकार के मंत्री सत्यानंद भोक्ता, प्रवक्ता डॉ. मनोज कुमार ने सोमवार को संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह मांग की। कहा कि हमारी तैयारी राज्य की पांच सीटों पर है। इसके अलावा राजद राज्य की सभी सीटों पर महागठबंधन प्रत्याशी को जिताने के लिए काम करेगा। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि गठबंधन के लिए हमने विधानसभा चुनाव में भी त्याग किया था। अपनी सिटिंग सीट गढ़वा, भवनाथपुर, पलामू, मनिका व सारठ सहित कई सीटें छोड़ दी थीं। क्योंकि, उस समय भाजपा को हटाना था, इसलिए गठबंधन के साथी भी त्याग करें और राजद को दोनों लोकसभा दें। मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि चतरा और पलामू लोकसभा सीट पर राजद का अधिकार है।
कांग्रेस बोली- राजद मीडिया में ऐसी बातें न करे, गठबंधन के समक्ष बात रखे
इधर, कांग्रेस ने राजद को नसीहत दी कि वह इस तरह की बात गठबंधन के भीतर करे, मीडिया के सामने नहीं। पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा ने राजद द्वारा मीडिया के सामने पलामू और चतरा सीट मांगे जाने पर कहा कि ये बातें गठबंधन के अंदर होती तो बेहतर रहता। इंडी गठबंधन में लोकतंत्र है। राजद ने दो सीटें मांगी है। पिछली बार चतरा में दोस्ताना संघर्ष हुआ था। जिसका फायदा बीजेपी को मिला था। कांग्रेस चतरा से चुनाव लड़ेगी, जबकि पलामू से राजद। अभी तक इसी फार्मूले पर बात हुई है।
सरयू को समर्थन देने को तैयार जेएमएम
सीपीआई द्वारा राज्य की चार लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी दिए जाने पर झामुमो ने एतराज नहीं किया है। पार्टी महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि सीपीआई-सीपीएम को चुनाव लड़ना ही चाहिए। पश्चिम बंगाल व केरल में भी ये कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी ही। वहीं, सरयू राय को धनबाद से गठबंधन का प्रत्याशी बनाए जाने के सवाल पर कहा कि यह सीट कांग्रेस के खाते में है। कांग्रेस ने उन्हें प्रत्याशी बनाया तो झामुमो समर्थन करेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि 2019 के लोकसभा चुनाव में जमशेदपुर पूर्वी में कांग्रेस प्रत्याशी रहते हुए भी झामुमो ने उनका इसलिए समर्थन किया था, क्योंकि मोदी की तरह घमंडी रघुवर दास को सत्ता से हटाना था। सीट शेयरिंग व प्रत्याशियों की घोषणा के सवाल पर उन्होंने फिर दोहराया कि कांग्रेस जब घोषणा कर लेगी, उसके बाद झामुमो करेगा।
भाकपा ने अलग कर ली गठबंधन से अपनी राह
गठबंधन की डोर से बंधी भाकपा ने उम्मीदवारों के ऐलान के बाद से ही अपनी राह अलग कर ली। झारखंड में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने ‘इंडिया’ अलायंस से नाता तोड़ लिया। पार्टी की ओर से पलामू से अभय भुइयां, लोहरदगा से महेंद्र उरांव, चतरा से अर्जुन उरांव और दुमका से राजेश कुमार किस्कू को उम्मीदवार बनाया गया है। सीपीआई की ओर से इन उम्मीदवारों के चयन से झारखंड में विपक्षी गठबंधन को झटका लगा है।