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झारखंड में महागठबंधन को तगड़ा झटका, इस पार्टी ने महागठबंधन से किया किनारा

झारखंड में महागठबंधन को तगड़ा झटका लगा है। राज्य में 'इंडि अलाइंस' से भाकपा (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी) ने अलग होने की घोषणा कर दी है। इस बाबत भाकपा ने जानकारी देते हुए बताया कि, वह राज्य के 14 लोकसभा सीटों में से आठ सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी। गौरतलब है कि, लोकसभा में भाकपा का झारखंड से कोई सांसद नहीं है। ऐसे में भाकपा के महागठबंधन से अलग होने को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। एक तरफ जहां भाकपा ने कांग्रेस की कार्यशैली पर सवाल उठाये हैं, वहीं दूसरी तरफ झामुमो ने भाकपा के नेतृत्व पर निशाना साधा है। 

सीट बंटवारे पर बात नहीं होने से नाराज
भाकपा के प्रदेश सचिव महेंद्र पाठक ने बताया कि ‘‘हमने अपने दम पर लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, लेकिन कांग्रेस और ‘महागठबंधन’ ने अभी तक सीट बंटवारे पर कोई बातचीत नहीं की है। इसलिए हमने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है।’’ उन्होंने कहा कि यह निर्णय यहां पार्टी की प्रदेश कार्यकारी समिति की बैठक में लिया गया। भाकपा रांची, हजारीबाग, कोडरमा, चतरा, पलामू, गिरिडीह, दुमका और जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार उतारेगी। पाठक ने कहा कि उम्मीदवारों के नामों की घोषणा 16 मार्च के बाद किया जाएगा। 

झामुमो ने भाकपा पर उठाए सवाल
इस बीच, झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन का नेतृत्व करने वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने कहा कि भाकपा की प्रदेश इकाई का यह निर्णय पार्टी के भीतर अनुशासन पर सवाल खड़े करता है। झामुमो के प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि "यह मेरी समझ से परे है. क्या प्रदेश इकाई इस तरह के फैसले ले सकती है। सीट बंटवारे पर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा पहले से ही चल रही है।" राज्य की 14 लोकसभा सीट में से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास 11, ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) के पास एक, झामुमो के पास एक और कांग्रेस के पास एक सीट है। हालांकि कांग्रेस की एकमात्र सांसद गीता कोड़ा हाल ही में भाजपा में शामिल हो गईं थीं।