असम में तय हो रही झारखंड की राजनीति, हिमंता बिस्व सरमा संभाल रहे चुनावी कमान
झारखंड विधानसभा चुनाव की रणनीति असम की राजधानी गुवाहाटी में तैयार हो रही है, जहां असम के मुख्यमंत्री और झारखंड भाजपा के चुनाव सह प्रभारी हेमंता बिस्व सरमा प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। झारखंड में भाजपा की चुनावी राजनीति पूरी तरह से हिमंता बिस्व सरमा के इर्द-गिर्द घूम रही है। वे न सिर्फ असम, बल्कि झारखंड की राजनीति में भी केंद्रीय भूमिका निभा रहे हैं।
हेमंत सोरेन की इंडिया गठबंधन सरकार से सत्ता छीनने की जिम्मेदारी हिमंता बिस्व सरमा के कंधों पर है। झारखंड में कौन नेता भाजपा में शामिल होगा और कौन नहीं, इसका फैसला भी सरमा ही कर रहे हैं। चंपाई सोरेन की भाजपा में एंट्री हो या लोबिन हेम्ब्रम के विरोध के बावजूद उन्हें पार्टी में शामिल करना—हर अहम निर्णय हिमंता बिस्व सरमा ने ही लिया है। उन्होंने संताल इलाके में बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा उठाकर झारखंड की राजनीति का रुख बदल दिया है।
चंपाई सोरेन और सुदेश महतो से अहम मुलाकातें
पिछले हफ्ते चंपाई सोरेन के भाजपा में शामिल होने के बाद वे असम दौरे पर गए, जहां उन्होंने गुवाहाटी में मां कामाख्या के दर्शन किए और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान सरमा ने उन्हें अपने आवास पर डाइनिंग टेबल पर सामने बैठाकर एक राजनीतिक संदेश दिया। इसके बाद, शुक्रवार को आजसू प्रमुख सुदेश महतो और उनकी पत्नी नेहा महतो ने भी हिमंता बिस्व सरमा से मुलाकात की, जिसमें राज्य के विभिन्न राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा हुई।
कल रिनीकी, सुकन्या और मुझे झारखंड में NDA के घटक दल AJSU के माननीय अध्यक्ष और झारखंड के पूर्व उप मुख्यमंत्री श्री @SudeshMahtoAJSU जी और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती नेहा महतो जी के लिए स्नेह भोज आयोजित करने का अवसर मिला। इस दौरान राज्य के कई विषयों पर भी चर्चा की। pic.twitter.com/MG79oA0VLN
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) September 14, 2024
सीट शेयरिंग पर चर्चा
इस मुलाकात के दौरान मुख्य रूप से झारखंड विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर चर्चा हुई। सुदेश महतो जुगसलाई और ईचागढ़ सीटों पर दावा कर रहे हैं, जिन पर भाजपा भी अपना हक जताती है। 2019 के चुनाव में सीट शेयरिंग पर सहमति न बन पाने के कारण भाजपा और आजसू का गठबंधन टूट गया था, जिससे दोनों को चुनावी नुकसान उठाना पड़ा था। अब, हिमंता बिस्व सरमा के नेतृत्व में इस बार सीट शेयरिंग के मसले को सुलझाने की कोशिश की जा रही है।
हिमंता की बढ़ती पकड़
झारखंड भाजपा में हिमंता बिस्व सरमा की पकड़ लगातार मजबूत हो रही है। बाबूलाल मरांडी और शिवराज सिंह चौहान की तुलना में सरमा की आज की तारीख में झारखंड बीजेपी पर ज्यादा पकड़ है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी सीट शेयरिंग और चुनावी रणनीति से संबंधित चर्चाओं के लिए हिमंता बिस्व सरमा को ही अधिकृत कर चुके हैं। ऐसे में यह साफ है कि झारखंड विधानसभा चुनाव की रणनीति अब असम में बैठकर तय हो रही है, और इसके केंद्र में हिमंता बिस्व सरमा हैं।