नेता जी के बेटे का 'किडनैपिंग' ड्रामा, 78 लाख की फ्लाइट बीच रास्ते से लौटी, जानें क्या है मामला

महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा हो गया जब शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता और पूर्व मंत्री तानाजी सावंत के बेटे ऋषिराज सावंत की 'किडनैपिंग' की खबर आई। इस मामले ने इतनी तेजी पकड़ी कि खुद मुख्यमंत्री और नागरिक उड्डयन मंत्री तक इसमें शामिल हो गए, जिसके चलते एक चार्टर्ड प्लेन को बीच रास्ते से ही वापस बुलाना पड़ा।
कैसे शुरू हुआ पूरा मामला?
11 फरवरी को तानाजी सावंत के छोटे बेटे ऋषिराज अपने दो दोस्तों के साथ चार्टर्ड प्लेन से बैंकॉक रवाना हुए थे। कुछ ही देर बाद पुणे पुलिस को एक शिकायत मिली कि ऋषिराज का अपहरण कर लिया गया है। यह शिकायत JSPM नरहे टेक्निकल कैंपस के एक कर्मचारी ने दर्ज करवाई थी, जो सावंत परिवार के ट्रस्ट से जुड़ा संस्थान है।

पुलिस में दर्ज शिकायत के मुताबिक, संस्थान के डायरेक्टर ऋषिराज को एक स्विफ्ट कार में किडनैप किया गया था। मामला गंभीर था, इसलिए इसे तुरंत क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया। इसी बीच, सावंत परिवार ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और अन्य बड़े नेताओं से संपर्क कर पूरे प्रशासन को हरकत में ला दिया।
78 लाख में बुक थी फ्लाइट, फिर भी रोक दी गई!
जांच में सामने आया कि ऋषिराज का अपहरण नहीं हुआ था, बल्कि उन्होंने खुद ही बैंकॉक जाने के लिए एक दिन पहले चार्टर्ड फ्लाइट बुक की थी, जिसकी कीमत 78 लाख रुपये थी। लेकिन किडनैपिंग की खबर फैलने के बाद राज्य सरकार और नागरिक उड्डयन मंत्रालय सक्रिय हो गया।
चार्टर्ड फ्लाइट जब चेन्नई और अंडमान के बीच थी, तभी सरकार की ओर से लगातार मैसेज भेजे गए, जिसके चलते उसे पुणे वापस लौटने का आदेश दिया गया। रात 8:45 बजे प्लेन पुणे में लैंड हुआ। दिलचस्प बात ये रही कि ऋषिराज और उनके दोस्तों को इस वापसी की कोई जानकारी नहीं दी गई थी।
क्या बोले ऋषिराज और विपक्ष?
ऋषिराज ने पुलिस को बताया कि वह एक बिजनेस ट्रिप के लिए बैंकॉक जा रहा था, लेकिन परिवार से इजाजत नहीं मिली, इसलिए बिना बताए निकल गया। चूंकि एक हफ्ते पहले ही वह दुबई से लौटा था, इसलिए उसे लगा कि परिवार अनुमति नहीं देगा।
वहीं, विपक्ष ने इस पूरे घटनाक्रम को सत्ता के दुरुपयोग का बड़ा उदाहरण बताया। संजय राउत ने कहा, "सिर्फ इसलिए कि एक नेता का बेटा नाराज होकर बैंकॉक चला गया, पूरी सरकारी मशीनरी को एक्टिव कर दिया गया। यह सत्ता का खुला दुरुपयोग है।"
NCP सांसद सुप्रिया सुले ने भी सरकार को घेरा, "बीड के सरपंच हत्याकांड के आरोपी को पकड़ने में दो महीने लग गए, लेकिन एक मंत्री के बेटे के लिए पूरी व्यवस्था बदल दी गई!"
तानाजी सावंत का बचाव
तानाजी सावंत ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने कोई सत्ता का दुरुपयोग नहीं किया। "यह एक पिता की चिंता थी, जिसे राजनीतिक रंग दिया जा रहा है।" उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को इस मामले में सहयोग के लिए धन्यवाद भी दिया।