वकीलों को गोलबंद करने में जुटे नीतीश कुमार, एनडीए के साथ गठबंधन पर खूब बोले

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिवक्ताओं से अपील की कि अगामी बिहार विधानसभा चुनाव में पूरी मजबूती के साथ जदयू को जीत दिलाने में सहयोग दें. जदयू पार्टी कार्यालय स्थित कर्पूरी सभागार में बिहार जदयू विधि प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित अधिवक्ता समागम का उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया। इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी लोगों का मैं हार्दिक अभिनंदन करता हूँ। बहुत खुशी की बात है कि हाल ही में जदयू विधि प्रकोष्ठ का गठन किया गया है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में जदयू विधि प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। मुझे पूरा विश्वास है कि विधि प्रकोष्ठ के अधिवक्ता साथी पार्टी को मजबूती प्रदान करेंगे। आप सब न्याय के साथ विकास के सरकार के संकल्प को जमीन पर क्रियान्वित करने में सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में पूरी मजबूती के साथ पार्टी को जीत दिलाने में आप लोग अपना पूरा योगदान देंगे। आप सबसे आग्रह है कि पूरी ताकत से एकजुट होकर काम करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने समाज के सभी वर्गों एवं राज्य के सभी क्षेत्रों के विकास के लिये काम किया है। महिलाओं के उत्थान के लिये काफी कार्य किया गया है। हम शुरू से एनडीए के साथ रहे हैं, बीच में हम उधर चले गये थे लेकिन अब कहीं नहीं जायेंगे, एनडीए के साथ ही रहेंगे। हमलोग एनडीए के सभी साथी एकजुट होकर बिहार विधान सभा चुनाव लड़ेंगे। इस कार्यक्रम के आयोजन के लिये आप सभी को धन्यवाद देता हूं।
इस अवसर पर जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय कुमार झा, जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, ऊर्जा सह योजना एवं विकास मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी, शिक्षा मंत्री सुनील कुमार, प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा समेत पार्टी के अन्य नेता मौजूद रहे।
बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले जेडीयू ने बड़ा दांव खेल दिया है। राज्य के वकीलों को गोलबंद करने के लिए जेडीयू ने अधिवक्ता समागम का आयोजन किया है। जिसमें बड़ी संख्या में वकील शामिल हुए। एक अनुमान के मुताबिक राज्य में वकीलों की संख्या करीब डेढ़ लाख से अधिक है। ऐसे में अगर राज्य के आधे वकील भी सीएम नीतीश के पक्ष में गोलबंद हो जाते हैं तो जेडीयू को इससे बड़ा फायदा मिल सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए जेडीयू ने यह बड़ा दांव खेला है।