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बिहार वोटर लिस्ट विवाद पर गरमाई सियासत: तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग से पूछे आठ बड़े सवाल

बिहार में चल रहे वोटर लिस्ट विशेष पुनरीक्षण को लेकर सियासी बवाल तेज हो गया है। महागठबंधन के नेताओं ने एकजुट होकर चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आयोग की प्रक्रिया दिशाहीन है और इससे लोकतंत्र को खतरा है। 
 

महागठबंधन की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस, जिसमें तेजस्वी यादव समेत कई नेता शामिल रहे।

चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल, एक ही दिन में तीन अलग-अलग दिशा-निर्देश जारी करने पर उठी आपत्ति।

आधार और मनरेगा कार्ड को पहचान दस्तावेज़ मानने की मांग।

तेजस्वी ने आयोग से 8 अहम सवाल पूछे, जिसमें दस्तावेज़ की मान्यता, प्रवासी मजदूरों की समस्या और निगरानी व्यवस्था शामिल है।

स्वतंत्र मॉनिटरिंग सिस्टम की मांग, ताकि बिना दस्तावेज़ के फॉर्म का दुरुपयोग न हो।

BLO के साथ तैनात वॉलंटियर्स की सूची सार्वजनिक करने की अपील।

चुनाव आयोग से लाइव डैशबोर्ड पर रोज़ाना आंकड़े जारी करने की मांग।

Bihar; बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष पुनरीक्षण अभियान (SSR) को लेकर सियासत गरमा गई है। सोमवार को महागठबंधन की ओर से इस मुद्दे पर एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई है, जिसमें नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग की कार्यशैली पर कड़े सवाल उठाए हैं।

तेजस्वी यादव ने कहा कि आयोग ने एक ही दिन में तीन अलग-अलग विज्ञापन जारी किए, जिनमें मतदाता सत्यापन प्रक्रिया को लेकर अलग-अलग जानकारी दी गई। इससे मतदाताओं में भ्रम फैल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग दिशाहीन और असमंजस भरा रवैया अपना रहा है। जिससे लोकतंत्र को चोट पहुंच रही है।

तेजस्वी ने पूछा कि जब आधार कार्ड बनाते समय सरकार व्यक्ति की आंख, उंगलियों के निशान और पहचान पत्र की जांच करती है, तो फिर चुनाव आयोग उसी आधार कार्ड को पहचान पत्र के रूप में मानने से क्यों इनकार कर रहा है?

तेजस्वी यादव की प्रमुख मांगे:

  1. चुनाव आयोग लिखित और स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करे।
  2. सभी विज्ञापनों की बजाय अधिसूचना के जरिए नीति स्पष्ट हो।
  3. बिना दस्तावेज वाले फॉर्म के दुरुपयोग को रोकने के लिए स्वतंत्र निगरानी तंत्र बनाया जाए।
  4. मतदाता नाम हटाने की प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता हो।
  5. आयोग जनता और विपक्ष के सवालों का बिंदुवार जवाब दे।

तेजस्वी यादव के 8 बड़े सवाल:

  1. क्या EC केवल 11 दस्तावेज़ ही मान्य कर सकता है?
  2. आधार, राशन कार्ड और मनरेगा कार्ड क्यों अमान्य हैं, जबकि सरकार इन्हें पहचान के लिए मानती है?
  3. आधार बनाने में कई प्रमाण मांगे जाते हैं, फिर उसे मान्यता क्यों नहीं?
  4. 11 दस्तावेजों की सूची कैसे बनी? क्या यह न्यायसंगत है?
  5. प्रवासी मजदूर 18 दिन में कैसे लौटेंगे? क्या उन्हें वोट से वंचित करने की साजिश है?
  6. फोटो और डॉक्युमेंट की प्रक्रिया गरीबों के लिए बोझ है, इसका समाधान क्या है?
  7. आयोग ने अब तक कितने लोगों का सत्यापन किया, यह जानकारी Dashboard पर क्यों नहीं दी जा रही?
  8. BLO के साथ काम कर रहे वॉलंटियर्स कौन हैं? उनकी सूची सार्वजनिक क्यों नहीं की जाती?