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राज्यसभा चुनाव : भाजपा और झामुमो के प्रत्याशी आज करेंगे नामांकन दाखिल

राज्यसभा चुनाव के लिए 11 मार्च नामांकन की आखिरी तारीख है। ऐसे में आज दोनों ही उम्मीदवार अपना-अपना नामांकन दाखिल करेंगे।

आगामी 21 मार्च को होने वाले राज्यसभा चुनाव के मद्देनज़र आज झामुमो और भाजपा के प्रत्याशी अपना-अपना नामांकन दाखिल करेंगे। ज्ञातव्य हो कि, दोनों पार्टियों से प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की जा चुकी है। एक तरफ जहाँ झामुमो से डॉ. सरफ़राज़ अहमद के नाम पर महागठबंधन की सहमति बनी है, वहीं दूसरी तरफ भाजपा ने डॉ. प्रदीप वर्मा के नाम पर मुहर लगायी है। गौरतलब है कि, राज्यसभा चुनाव के लिए 11 मार्च नामांकन की आखिरी तारीख है। ऐसे में आज दोनों ही उम्मीदवार अपना-अपना नामांकन दाखिल करेंगे। प्राप्त जानकारी के मुताबिक 11 बजे डॉ सरफराज अहमद और 11.30 बजे डॉ प्रदीप वर्मा नामांकन करेंगे।

एक-एक सीट का है स्पष्ट बहुमत
नामांकन से पहले तक की जो स्थिति है, उससे स्पष्ट है कि पक्ष-विपक्ष के पास एक-एक सीट का क्लियर बहुमत है। अभी तक मुताबिक चुनावी मैदान में दो ही प्रत्याशी हैं। अबर ये दो आगे तक बने रहे तो रहे, तो वोटिंग की नौबत नहीं आयेगी। दोनों ही प्रत्याशियों का सर्वसम्मति से चयन हो जाएगा। प्राप्त जानकरी के अनुसार राज्यसभा चुनाव में हरिहर महापात्रा का नाम आ रहा था। अगर वो भी नामांकन करना चाहेंगे तो उन्हें नामांकन करने के लिए 10 विधायकों का समर्थन चाहिए। हालांकि वर्तमान में ऐसी कोई स्थिति नहीं बन रही है कि हरिहर महापात्रा नामांकन करें। इसके बाद भी पक्ष-विपक्ष ने अपने-अपने विधायकों को गोलबंद कर रखा है।

क्या है आंकड़ा

इंडिया गठबंधन

झामुमो- 29
कांग्रेस -17
राजद- 01
माले -01
कुल : 48

एनडीए

भाजपा – 26
आजसू -03
एनसीपी – 01
कुल : 30

निर्दलीय : सरयू राय और अमित यादव भी एनडीए के साथ जाते हैं, तो एनडीए के पास 32 विधायक होंगे।

21 मार्च को दो सीटों के लिए चुनाव
राज्यसभा चुनाव के लिए 4 मार्च 2024 को अधिसूचना जारी की गई थी। 11 मार्च तक चुनाव नामांकन दाखिल करने का समय दिया गया है। 12 मार्च को नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी की जाएगी। 14 मार्च को नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख है। 21 मार्च 2024 को जरूरत पड़ी, तो इन दो सीटों के लिए सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक मतदान होगा। उसी दिन शाम को 5 बजे से मतगणना शुरू हो जाएगी। 23 मार्च तक चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

डॉ सरफराज अहमद
करीब 50 साल के राजनीतिक जीवन में 46 साल वह कांग्रेस से जुड़े रहे। कांग्रेस के टिकट पर 1984 में गिरिडीह से जीत कर लोकसभा पहुंचे थे। उनके पिता डॉक्टर इम्तियाज अहमद भी गिरिडीह से कांग्रेस के ही सांसद रह चुके हैं। उनके निधन के बाद सरफराज यहां से सांसद बने। 1985 में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के कार्यकाल के दौरान वह कांग्रेस के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव भी रहे।

झारखंड अलग होने के बाद पहली बार कांग्रेस के टिकट पर गांडेय विधानसभा सीट से चुनाव जीता था। जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस के ही टिकट पर 2009 में फिर से गांडेय विधानसभा से चुनाव जीता था। 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-झामुमो गठबंधन में सीटों के बंटवारे में गांडेय विधानसभा की सीट झामुमो के खाते में आई थी। जिसके बाद उन्होंने झामुमो का दामन थाम लिया और एक बार फिर गांडेय सीट से विधायक चुने गए। दो महीने पहले उन्होंने विधायकी छोड़ी।

डॉ प्रदीप वर्मा
डॉ प्रदीप वर्मा बीजेपी से काफी लंबे समये से जुड़े हुए हैं। फिलहाल पार्टी में वे प्रदेश महामंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। पार्टी ने उन्हें राज्यसभा के लिए बतौर उम्मीदवार चुना है।