जदयू में इस्तीफों पर संजय झा का तंज, कहा- कौन थे पार्टी में, ये भी नहीं पता, इस मुद्दे को तूल देना उचित नहीं

जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने पार्टी में हो रहे इस्तीफों को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने जदयू से इस्तीफा दिया है, वे पार्टी में थे भी या नहीं, यह तक मालूम नहीं था। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को अनावश्यक रूप से तूल देना उचित नहीं है।
आगे कहा कि हम लोगों ने पहले भी कहा है और हाउस में भी कहा कि मुख्यमंत्री से बहुत सारे लोग मिले थे। उन्होंने जो बात रखी, उसमें से सभी बातों को जेपीसी भेजा गया। उसको स्वीकार भी किया गया, जहां तक मुस्लिम समुदाय की बात है, 20 साल तक हमारे पार्टी का ट्रैक रिकॉर्ड है कि मुस्लिम समुदाय के बीच में मुख्यमंत्री ने कैसे काम किया है।

सबसे बड़ा दंगा कांग्रेस सरकार में बिहार के भागलपुर में हुआ था। नीतीश कुमार जब आए तो भागलपुर के भी दंगा पीड़ित को मंथली पेंशन दिया जाता है। 19 साल में बिहार में एक दिन भी कर्फ्यू नहीं लगा। कब्रिस्तान की घेराबंदी हुई। आगे भी नीतीश कुमार जब तक रहेंगे मुस्लिम समुदाय का अहित कभी नहीं होगा।
संजय झा ने यह भी कहा कि बिहार सरकार बोर्ड और आयोगों के गठन के लिए प्रक्रिया में जुटी है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि यह कवायद जल्द पूरी की जाएगी।
राहुल गांधी के बिहार दौरे पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, "अब जब चुनाव आ गया है तो सब लोग दिखाई पड़ रहे हैं, लेकिन बिहार के लिए इनका कोई ठोस योगदान नहीं रहा है।" वक्फ बोर्ड जैसे संवेदनशील विषय पर संसद में एक शब्द नहीं बोला गया। इसलिए उनका क्या प्रभाव होगा यह सब लोग जानते है।
राहुल गांधी की यात्रा को लेकर संजय झा ने कहा, "पलायन तब हुआ जब राजद और कांग्रेस की सरकार थी। डॉक्टर, इंडस्ट्री से जुड़े लोग और छात्र बिहार छोड़कर चले गए। नीतीश कुमार के आने के बाद पलायन की रफ्तार थमी है। अब राज्य में इंडस्ट्री स्थापित होने लगी है।"