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BPSC पेपर लीक मामले पर तेजस्वी का बड़ा खुलासा, बोले- नकल माफिया को बचाने के लिए मंत्री प्रशासन पर बना रहे दबाव...बूझो तो जाने?

 

बीएससी शिक्षक भर्ती पेपर लीक मामले में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई हुई है आर्थिक अपराधिकारी ने 313 अभ्यर्थियों को सदाचार के आरोप में जेल भेज दिया है। इनमें से 266 को बेऊर जेल भेजा गया है तो 88 महिलाओं को न्यायिक हिरासत में रखा गया है। इस कांड में अब तक के सबसे बड़े सॉल्वर गैंग का खुलासा हुआ है। वहीं, अब इस मामले में राजनीतिक प्रतिक्रिया भी आनी शुरू हो गई है। इस मामले में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सवाल उठाया है। तेजस्वी ने तो इस मामले में एक मंत्री को दोषी भी करार दिया है और जनता से सवाल किया है कि - इस मंत्री का नाम बूझों तो जानें ?

दरअसल, पेपर लीक मामले में तेजस्वी यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि  - हमारे 𝟏𝟕 महीनों का सुनहरा कार्यकाल जिसमें पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से युवाओं को 𝟒 लाख से अधिक नौकरियां दी गयी, वह बिहार में प्रतियोगी परीक्षाओं का स्वर्णिम काल था। अब नीतीश-भाजपा सरकार ने डेढ़ महीने में ही 𝟏𝟕 साल के पुराने कारनामों को दोहराते हुए नक़ल माफिया को इतना प्रोत्साहन दे दिया कि BPSC शिक्षक भर्ती के तीसरे चरण में प्रतियोगी परीक्षाओं के विश्व इतिहास में प्रथम बार 𝐀𝐝𝐦𝐢𝐭 𝐂𝐚𝐫𝐝 में ही 𝐀𝐧𝐬𝐰𝐞𝐫 𝐊𝐞𝐲 बतायी जा रही है। और तो और पेपर लीक कराने वाले नकल माफिया को बचाने के लिए इनके वरिष्ठ मंत्री प्रशासन पर दबाव बना रहे है। पुलिस को फोन कर रहे मंत्रियों का नाम- बूझों तो जाने?

तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर रविवार को ये बातें कही हैं। उन्होंने एडमिट कार्ड के पीछे का फोटो भी पोस्ट किया है। तेजस्वी यादव के पोस्ट के लालू प्रसाद के बड़े बेटे और पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव ने भी सोशल मीडिया पर डाला है।

वहीं, कांग्रेस की एक रैली में राहुल गांधी ने भी पेपर लिक मामले को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि -  यह युवाओं के लिए अभिशाप बन चुका है। केरल के वायनाड से कांग्रेस सांसद ने कहा कि, "लापरवाह सरकार, भ्रष्ट अधिकारी, नकल माफिया और निजी प्रिंटिंग प्रेसों के आपराधिक गठजोड़ को खत्म कर हर स्तर पर जवाबदेही सुनिश्चित करने की जरूरत है। जब मैंने छात्रों से बातचीत की तो उन्होंने मुझे बताया कि पेपर लीक की 3 मुख्य वजह हैं. 1- बिका हुआ सरकारी तंत्र, 2- निजी प्रिंटिंग प्रेस और 3- भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुके अधीनस्थ सेवा चयन आयोग।