Movie prime

सभी दलों के सांसदों को विदेश भेजेगी केंद्र सरकार, 'ऑपरेशन सिंदूर' पर रखेंगे भारत का पक्ष

भारत सरकार अब 'ऑपरेशन सिंदूर' और पहलगाम आतंकी हमले को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना पक्ष मजबूती से रखने की रणनीति पर काम कर रही है। इसके तहत केंद्र सरकार ने सभी राजनीतिक दलों के सांसदों को पांच देशों के दौरे पर भेजने का निर्णय लिया है। 22 मई से शुरू होने वाले इस विशेष अभियान में 5-6 सांसदों वाले 8 दल अलग-अलग देशों की यात्रा पर निकलेंगे, जहां वे स्थानीय सरकारों और आम जनता को आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई और रुख से अवगत कराएंगे।

सूत्रों के मुताबिक, इन प्रतिनिधिमंडलों की अगुवाई अलग-अलग दलों के वरिष्ठ सांसद करेंगे। बताया जा रहा है कि कांग्रेस नेता शशि थरूर और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को भी इसमें अहम भूमिका दी जा सकती है।

इन दौरों के दौरान सांसदों के साथ विदेश मंत्रालय का एक अधिकारी और एक सरकारी प्रतिनिधि भी मौजूद रहेगा। ये प्रतिनिधिमंडल अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, दक्षिण अफ्रीका, कतर और यूएई की यात्रा करेगा, और वहां भारत-पाक तनाव, पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की स्थिति को स्पष्ट करेगा।

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू इस पूरी कवायद का समन्वय कर रहे हैं। सांसदों को इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा जा चुका है और उन्हें पासपोर्ट समेत सभी यात्रा दस्तावेजों को तैयार रखने को कहा गया है।

ऑपरेशन सिंदूर के अगले दिन बुलाई गई थी सर्वदलीय बैठक
गौरतलब है कि भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत पाकिस्तान और पीओजेके में आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। इसके ठीक अगले दिन 8 मई को सरकार ने सभी दलों की बैठक बुलाकर संसद में इस कार्रवाई की जानकारी दी थी। इस बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की थी, जिसमें गृहमंत्री अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कई अन्य प्रमुख नेता शामिल हुए थे। बैठक में बताया गया कि इस ऑपरेशन में लगभग 100 आतंकियों का खात्मा हुआ।

ऐसे प्रयास पहले भी हो चुके हैं सफल
यह पहली बार नहीं है जब भारत सरकार ने विपक्षी दलों को भी शामिल कर विदेशों में अपनी स्थिति स्पष्ट करने की पहल की है। 1994 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव ने विपक्ष के नेता अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में एक दल को जिनेवा स्थित UNHRC भेजा था, जहां फारूक अब्दुल्ला और सलमान खुर्शीद जैसे नेता भी दल में शामिल थे। इस प्रयास ने पाकिस्तान को अपना प्रस्ताव वापस लेने पर मजबूर कर दिया था।

इसी तरह 2008 में मुंबई हमलों के बाद, मनमोहन सिंह सरकार ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत का पक्ष समझाने के लिए राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को विदेश भेजा था। इसका परिणाम यह हुआ कि पाकिस्तान पर आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने का जबर्दस्त अंतरराष्ट्रीय दबाव बना, और पहली बार पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट में शामिल हुआ।

ऑपरेशन सिंदूर: बिना सीमा पार किए 9 आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 टूरिस्टों की जान गई थी। इसके जवाब में 7 मई को भारत ने सीमापार किए बिना उन्नत एयर डिफेंस सिस्टम की मदद से पाकिस्तान के अंदर और पीओजेके में नौ आतंकवादी कैंपों को नष्ट कर दिया। पाकिस्तान की ओर से जवाबी हमला भी हुआ, लेकिन भारत की मल्टी लेयर्ड एयर डिफेंस सिस्टम – जिसमें रूस की S-400, बराक-8, आकाशतीर, पिकोरा, OSA-AK और लो लेवल एयर डिफेंस गन शामिल थीं – ने लगभग सभी मिसाइल और ड्रोन हमलों को नाकाम कर दिया।