बिहार में अपराध पर कसेगा शिकंजा, बनेंगे 100 नये फास्ट ट्रैक कोर्ट

बिहार सरकार ने राज्य में कानून व्यवस्था को सशक्त बनाने और अपराधियों पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बड़ा फैसला लिया है। अब हत्या, लूट, डकैती और आर्म्स एक्ट जैसे संगीन मामलों की सुनवाई के लिए राज्य में लगभग 100 नए फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित किए जाएंगे।
बिहार के पुलिस महानिदेशक (DGP) विनय कुमार ने बताया कि अब तक गंभीर अपराधों की सुनवाई वर्षों तक खिंचती थी, जिससे पीड़ित परिवारों को न्याय मिलने में काफी विलंब होता था। लेकिन अब ये फास्ट ट्रैक कोर्ट ऐसे मामलों की त्वरित सुनवाई कर अपराधियों को जल्द सजा दिलाएंगे। इससे लोगों का न्याय प्रणाली में भरोसा और मजबूत होगा।

अवैध संपत्ति पर अब पुलिस की सीधी कार्रवाई
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 107 के तहत अब पुलिस को यह अधिकार प्राप्त है कि वह अपराधियों की अवैध संपत्ति जब्त कर सके। पहले यह कार्य ED के माध्यम से किया जाता था, लेकिन अब DSP स्तर के अधिकारी सीधे यह कार्रवाई कर सकेंगे, जिससे काली कमाई पर प्रभावी रोक लगेगी।
राज्य के कुल 1249 थानों में से 1172 पेशेवर अपराधियों की पहचान कर ली गई है। इनमें से 239 अपराधियों की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई आरंभ हो चुकी है और 188 मामलों में अदालत को प्रस्ताव भेजा गया है। DGP ने बताया कि जब्त की गई संपत्तियों का उपयोग अब पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने में किया जाएगा। अपराधियों को अपनी अवैध संपत्ति का उपयोग अब कानूनी बचाव के लिए नहीं करने दिया जाएगा।
भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख
विनय कुमार ने पुलिस महकमे में व्याप्त भ्रष्टाचार पर कड़ा संदेश देते हुए कहा कि किसी भी स्थिति में रिश्वतखोरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। नागरिकों से अपील की गई है कि यदि कोई पुलिसकर्मी रिश्वत मांगता है तो उसकी शिकायत निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, विशेष निगरानी इकाई, आर्थिक अपराध इकाई या पुलिस मुख्यालय में की जा सकती है।
जनवरी से जून 2024 के बीच 66 पुलिसकर्मी निलंबित
इस अवधि में 12 पुलिस अधिकारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया है। इसके अलावा 22 पुलिसकर्मियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई, जिनमें से 15 को गिरफ्तार किया गया है और 66 को निलंबित कर दिया गया है।