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अहमदाबाद हादसे के बाद अलर्ट मोड में बिहार सरकार, एयरपोर्ट विस्तार और संरचनात्मक बदलाव की तैयारी

अहमदाबाद में हाल ही में हुए विमान हादसे ने देशभर के हवाई अड्डों की सुरक्षा और बुनियादी ढांचे को लेकर चिंता बढ़ा दी है। इसका असर राजधानी पटना पर भी पड़ा है, जहां स्थित जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की सीमित सुविधाएं फिर से सुर्खियों में आ गई हैं।
पटना एयरपोर्ट का रनवे वर्तमान में केवल 6800 फीट लंबा है, जो बड़े विमानों के उतरने के लिहाज से काफी कम है। इसी वजह से अक्सर पायलट्स को लैंडिंग के समय दिक्कतें होती हैं और दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। एयरपोर्ट प्रशासन पिछले कई वर्षों से रनवे विस्तार की मांग कर रहा है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई थी।
अहमदाबाद हादसे के बाद तेज़ हुई प्रक्रिया
अहमदाबाद की दुर्घटना ने प्रशासन को झकझोर दिया है। इसी के चलते एक बार फिर पटना एयरपोर्ट के रनवे को 12000 फीट तक बढ़ाने की कवायद शुरू हो गई है। इस विस्तार के लिए ज़मीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी प्रारंभ हो चुकी है। खबरों के अनुसार, पटना चिड़ियाघर की 15 एकड़ और फुलवारी शरीफ गुमटी के पास की 14 एकड़ ज़मीन इसके लिए ली जाएगी।
इस सिलसिले में जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन ने फुलवारीशरीफ रेलवे गुमटी, पटेल गोलंबर और चिड़ियाघर क्षेत्र का निरीक्षण किया। उनके साथ वायुयान संगठन निदेशालय के निदेशक निलेश रामचंद्र देवरे भी मौजूद थे।
सचिवालय के घंटा घर पर भी सवाल
हवाई यातायात की सुगमता के लिए अब सचिवालय भवन के प्रसिद्ध घंटा घर की ऊंचाई को भी कम करने की बात सामने आई है। बताया जा रहा है कि इसकी ऊंचाई लगभग 51 फीट घटाने का सुझाव दिया गया है, ताकि विमानों की उड़ान और लैंडिंग में कोई बाधा न आए।
पटना एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित करने की योजना पर तेजी से काम हो रहा है। सोमवार को प्रमंडलीय आयुक्त डॉ. चंद्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में एयरपोर्ट पर्यावरण एवं सुरक्षा समिति की बैठक प्रस्तावित है, जिसमें इन तमाम पहलुओं पर गहन चर्चा होगी।