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पटना में फिर मंडराने लगा कोरोना का खतरा, एम्स के जूनियर डॉक्टर समेत तीन संक्रमित मिले

बिहार की राजधानी पटना में एक बार फिर कोरोना वायरस की दस्तक से चिंता बढ़ गई है। ताजा मामले में एम्स पटना के एक जूनियर डॉक्टर के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही पटना में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर तीन हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग ने एहतियात के तौर पर सतर्कता बढ़ा दी है और अस्पतालों को विशेष निर्देश जारी किए गए हैं।
कोरोना के नए लक्षणों ने बढ़ाई चिंता
सिविल सर्जन कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, तीन संक्रमितों में एक एम्स का जूनियर डॉक्टर है जबकि दूसरा मामला भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के 30 वर्षीय वैज्ञानिक का है। खास बात यह है कि दोनों मरीजों ने हाल के दिनों में किसी भी प्रकार की यात्रा नहीं की है। सिविल सर्जन डॉ. अविनाश कुमार के मुताबिक, दोनों में कोरोना के गंभीर लक्षण नहीं हैं, परंतु अन्य राज्यों में बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार अलर्ट मोड में आ गई है।
नए वैरिएंट की पहचान के लिए होगी जीनोमिक टेस्टिंग
राज्य में अब तक नए कोरोना स्ट्रेन की सीक्वेंसिंग शुरू नहीं हुई है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग जल्द ही RT-PCR में पॉज़िटिव पाए गए सैंपलों की जीनोमिक जांच करवाकर संभावित नए वैरिएंट की पहचान करेगा।
अस्पतालों में तैयारियां तेज
पटना सहित सभी जिलों के मेडिकल कॉलेज और सरकारी अस्पतालों को अलर्ट कर दिया गया है। आईजीआईएमएस के अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि उन्हें विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से निर्देश मिले हैं, जिनके तहत कोरोना मरीजों के लिए 12 ऑक्सीजन युक्त बेड और 3 आईसीयू बेड आरक्षित किए गए हैं।
डॉ. मंडल के अनुसार, इस बार कोरोना के लक्षण कुछ बदले हुए नजर आ रहे हैं। मरीजों को गले में खराश या खांसी-बुखार की बजाय तेज सिरदर्द, शरीर में दर्द, कमजोरी और ऑक्सीजन स्तर में गिरावट जैसी समस्याएं हो रही हैं।