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केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत, निचली अदालत की कार्रवाई रद्द

पटना हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और बिहार के पूर्व बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय के खिलाफ जारी निचली अदालत की प्रक्रिया को खारिज कर दिया है। न्यायमूर्ति चंद्रशेखर झा की एकल पीठ ने नित्यानंद राय द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया।

यह मामला मार्च 2018 का है, जब अररिया जिले के नरपतगंज में दिए गए एक भाषण को लेकर नित्यानंद राय पर सांप्रदायिक तनाव फैलाने का आरोप लगाया गया था। उस समय वे बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष थे। नरपतगंज अंचलाधिकारी की शिकायत पर थाने में मामला दर्ज किया गया था।

बाद में 31 अक्टूबर 2021 को पुलिस द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट पर 13 अप्रैल 2022 को अररिया के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) ने संज्ञान लेते हुए थाना प्रभारी को नित्यानंद राय के खिलाफ समन जारी करने का निर्देश दिया था। इस आदेश को चुनौती देते हुए राय ने पटना हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की।

याचिका में क्या कहा गया?
राय की ओर से पेश हुए अधिवक्ता नरेश दीक्षित ने कोर्ट में दलील दी कि जिस कानून के तहत एफआईआर दर्ज की गई, वह इस मामले में लागू ही नहीं होता। उन्होंने कहा कि नित्यानंद राय का भाषण साम्प्रदायिक नहीं था बल्कि उसमें उन्होंने विदेश के एक आतंकवादी संगठन का ज़िक्र किया था, जिसे गलत तरीके से पेश किया गया।

मामले की विस्तृत सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने पाया कि निचली अदालत ने मामला दर्ज होने के लगभग चार साल बाद संज्ञान लिया, जो कि प्रक्रियागत रूप से उचित नहीं था। इसी आधार पर न्यायालय ने 13 अप्रैल 2022 का आदेश रद्द कर दिया और नित्यानंद राय को बड़ी राहत दी।