Movie prime

शत्रुघ्न सिन्हा के चहरे पर है कटे का एक निशान, 70 साल बाद खोला इस जख्म का राज!

 


बिहारी बाबू’ और 'शॉट गन’ नाम से मशहूर दिग्गज बॉलीवुड अदाकार शत्रुघ्न सिन्हा ने हाल ही में अपने चेहरे पर निशान के पीछे की कहानी अपने फैंस के साथ साझा किया है. उन्हें 'काला पत्थर’, 'दोस्ताना’, 'युद्ध’ और कई अन्य फिल्मों के लिए जाना जाता है.

उन्होंने बताया कि यह निशान बचपन में हुए एक हादसे का है. शत्रुघ्न सिन्हा ने चैट शो 'द इनविंसिबल्स' में इसका खुलासा किया. बता दें कि इस शो को अरबाज खान होस्ट कर रहे हैं.

इस दौरान शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, "बचपन में मैं बहुत शरारती था. एक दिन, मैंने अपने चाचा को अपना चेहरा शेव करते देखा. फिर उनकी नकल करने के लिए, जब मैं बच्चा था, तो मैंने भी अपने चेहरे पर उस्तरा चला लिया." उन्होंने आगे कहा, "पहले मेरे चाचा की बेटी ने कोशिश की, उसने अपना गाल काट लिया और रोने लगी. फिर मैंने उससे कहा, 'तुमको नहीं आता है, मैं तुम्हें दिखाता हूं कैसे करते हैं. फिर मैंने अपना ही गाल काटने के लिए आगे बढ़ गया." 

शत्रुघ्न सिन्हा ने पहली बार इंडस्ट्री में प्रवेश करने पर प्लास्टिक सर्जरी पर विचार किया क्योंकि वह अपने लुक्स को लेकर इतने कॉन्शियस थे. लेकिन केवल देव आनंद ही उन्हें इसके साथ आगे बढ़ने के पक्ष में थे. उन्होंने बताआ "उन दिनों, जब मैं एक स्ट्रगलर था, मैं देव आनंद से बहुत मिलता था. उन्होंने मुझे निशान ठीक करने से मना किया, और मुझे बताया कि उनके दांतों के बीच भी गैप है, और यह फैशन बन गया है ... मैं निशान को लेकर बहुत शर्मिंदा महसूस करता था. मैं सोचता था, 'कटी-फटी शकल लेके आ रहा हूं फिल्मों में, कैसे अपनी जगह बनाऊंगा'.

उन्होंने अंततः विलेन कैरेक्टर्स और सपोर्टिंग रोल्स से शुरुआत की और फिर मेन लीड में अपनी जगह बना ली. 'काला पत्थर', 'दोस्ताना', 'युद्ध' और कई अन्य फिल्में सिन्हा की सक्सेसफुल फिल्मों में से हैं. जावेद अख्तर, हेलन और सलीम खान सहित इंडस्ट्री के दिग्गज कलाकार पहले ही चैट शो में आ चुके हैं. 

गौरतलब है कि  बॉलीवुड अदाकार शत्रुघ्न सिन्हा बिहार से ताल्लुक रखते हैं और वह फिल्मों के साथ राजनीति में भी सक्रिय रहे हैं. वह लंबे अरसे तक भाजपा के साथ रहे और अटल बिहारी सरकार में उन्हें स्वास्थ्य मंत्री भी बनाया गया था. लेकिन भाजपा में मोदी और शाह गुट के प्रभावी होने के बाद उन्होंने पार्टी में अपनी उपेक्षा का इल्जाम लगाकर भाजपा छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन कर लिया था. 

हालांकि कांग्रेस में भी वह ज्यादा दिन टिक नहीं पाए और फिर कांग्रेस छोड़कर उन्होंने ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ज्वॉइन कर ली. ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में रहने वाले बिहारी लोगों को लुभाने और उनका वोट लेने के लिए शत्रुघ्न सिन्हा को अपनी पार्टी से जोड़ा था, क्योंकि बंगाल में भाजपा के उभार के पीछे भी वहां के बिहारी समुदाय के लोग ही हैं, जो भाजपा को खुलकर सपोर्ट करते हैं. शत्रुघ्न सिन्हा अभी बंगाल के आसनसोल से टीएमसी के टिकट पर लोकसभा सांसद हैं. पूनम सिन्हा उनकी पत्नी है, जो 2019 में सपा के टिकट पर यूपी से चुनाव लड़ चुकी हैं, जिसमें उनकी हार हुई थी. बॉलीवुड अदाकार सोनाक्षी सिन्हां उनकी बेटी है.