भारत की बड़ी जीत, भगोड़े मेहुल चोकसी की रद्द होगी नागरिकता, एंटीगुआ के पीएम का ऐलान
पीएनबी घोटाले का आरोपी भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी पर शिकंजा कस गया है. एंटीगुआ सरकार ने चोकसी की नागरिकता को समाप्त करने का फैसला किया है. कैरेबियाई देश के इस फैसले के बाद मेहुल के बचने के रास्ते कम हो गए हैं.
बता दें कि भारत चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए एंटीगुआ पर जबरदस्त दबाव बनाए हुए है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन ने कहा कि व्यवसायी की नागरिकता रद की जाएगी और उसे भारत को वापस किया जाएगा. हम किसी भी तरह से अपराधियों को संरक्षण नहीं दे सकते हैं.
इस बीच, भारत ने अभी इसपर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि उन्हें अभी इसकी कोई जानकारी नहीं है और वह इसपर कोई कॉमेंट नहीं करेंगे.
एंटीगुआ की वेबसाइट एंटीगुआ न्यूज रूम ने प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन के बयान का हवाला देते हुए उक्त जानकारी दी है. वेबसाइट ने लिखा है कि बीते शनिवार को प्रधानमंत्री ब्राउन ने एक रेडियो कार्यक्रम में कहा कि जब चोकसी को नागरिकता दी गई थी तब भारतीय अधिकारियों ने कहा था कि उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है. अधिकारियों ने यह नहीं बताया गया था कि आर्थिक अपराध में वांछित है.
प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन ने कहा कि लेकिन वास्तव में अब मेहुल चोकसी की नागरिकता रद की जाएगी और उसे भारत को प्रत्यर्पित किया जाएगा. मैं आगे नहीं जाना चाहता इसकी उचित प्रक्रिया है. चोकसी का मामला न्यायालय के समक्ष है. चोकसी को अदालत में जाने और अपना बचाव करने का अधिकार है. मैं आश्वस्त कर सकता हूं कि जब वह अपने सभी कानूनी विकल्पों खो देगा, तब उसे प्रत्यर्पित कर दिया जाएगा. सनद रहे कि भारत की ओर से मेहुल चोकसी प्रत्यर्पण की कोशिशें मार्च में शुरू की गई थीं.
बता दें कि पंजाब नैशनल बैंक को लगभग 14 हजार करोड़ रुपए की चपत लगाकर विदेश भागने वाले हीरा कारोबारी को भारत लाए जाने के संबंध में बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी सोमवार को बड़ा फैसला देते हुए उसके स्वास्थ्य के बारे में अदालत को जानकारी देने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम का गठन किया. अदालत ने यह रिपोर्ट इसलिए मांगी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि चोकसी हवाई यात्रा के लिए फिट है या नहीं. यह टीम नौ जुलाई को अपनी रिपोर्ट अदालत में दाखिल करेगी.