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श्रावणी मेला में दर्दनाक हादसा: गंगा में डूबे एक कांवरिया और एक आपदा मित्र, स्थानीय प्रशासन पर लापरवाही का आरोप

 

Bihar: श्रावणी मेला के दूसरे दिन भागलपुर जिले के सुल्तानगंज स्थित अजगैबीनाथ धाम में दर्दनाक हादसे ने श्रद्धालुओं को झकझोर कर रख दिया। नमामि गंगे घाट पर एक आपदा मित्र अभय राज (उम्र 23 वर्ष) गंगा में डूब गए, जबकि कमरगंज गंगा घाट पर पश्चिम चंपारण से आए कांवरिया गोविंद गुप्ता (उम्र 19 वर्ष) के डूबने की भी खबर सामने आई है। दोनों मामलों में शव की खोजबीन अब तक जारी है, जिससे कांवरियों और परिजनों में भारी आक्रोश है।

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शव की तलाश में ढिलाई पर सड़क जाम, परिजनों का हंगामा

अभय राज के भाई नीरभय कुमार ने बताया कि उन्हें सुबह सूचना मिली कि उनके भाई डूब गए हैं। गंगा घाट पहुंचने पर अभय के कपड़े और चप्पल वहीं मौजूद थे, लेकिन चार घंटे बीतने के बाद भी कोई खोजबीन शुरू नहीं हुई थी। उन्होंने अंचल पदाधिकारी रवि कुमार से बार-बार संपर्क करने की कोशिश की लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

इसी तरह कांवरिया गोविंद गुप्ता के पिता नगीलाल गुप्ता ने आरोप लगाया कि प्रशासन लापरवाह है और उनके बेटे की खोजबीन नहीं कर रहा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर शव की तलाश में तेजी नहीं लाई गई तो कांवरिया बंधु सड़क जाम करेंगे। इस मामले में कुछ देर के लिए सड़क भी जाम किया गया।

विधायक और पूर्व एमएलसी ने लिया घटनास्थल का जायजा

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घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय विधायक प्रोफेसर ललित नारायण मंडल, पूर्व एमएलसी डॉ. संजीव कुमार पोद्दार और सीओ रवि कुमार घटनास्थल पर पहुंचे। विधायक ने अधिकारियों से बात कर दोनों डूबे युवकों की जल्द से जल्द तलाश कराने के निर्देश दिए। डॉ. संजीव पोद्दार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि श्रावणी मेले का उद्घाटन उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने धूमधाम से किया था, लेकिन इतनी बड़ी लापरवाही से साफ हो गया है कि जिला प्रशासन की तैयारियों की पोल खुल चुकी है।

एसडीआरएफ की कार्रवाई पर सवाल, गैस सिलेंडर की कमी बनी बाधा

एसडीआरएफ हवलदार रविंद्र कुमार पासवान ने बताया कि शव की तलाश की जा रही है, लेकिन गैस सिलेंडर खत्म हो जाने के कारण फिलहाल खोजबीन रोकी गई है। उन्होंने कहा कि पटना से गैस सिलेंडर आने के बाद ही अभियान दोबारा शुरू किया जाएगा।

श्रावणी मेला की सुरक्षा पर उठे सवाल

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श्रावणी मेले में प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में कांवरिये आते हैं और गंगा स्नान करते हैं। ऐसी घटनाएं न सिर्फ श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती हैं, बल्कि प्रशासन की कार्यशैली पर भी गंभीर प्रश्नचिह्न लगाती हैं।

स्थिति अभी भी गंभीर, इंतजार में परिजन

डूबे दोनों युवकों के परिजन घटनास्थल पर मौजूद हैं और हर पल अपने बेटे की तलाश की खबर का इंतजार कर रहे हैं। पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है, जबकि कांवरियों में भी इस घटना को लेकर भारी नाराजगी है।