
चीन के बाद अपना अलग कृत्रिम सूरज बनाने में अब फ्रांस देश भी जुड़ चूका है. दरअसल, कुछ महीने पहले ही चीन ने एक अर्टिफिशियल सूर्य तैयार किया था, जिसे लेकर चीन का दावा था कि ये असली सूर्य के मुकाबले 5 गुना गर्म है. जबकि अब दुनिया को और बेहतर बनाने में फ्रांस भी अपनी कोशिश में लग गया है. ये बनावटी सूरज इतनी बड़ी है की इसमें तीन एफील टावर समा सकती है और इसका वजन 23 हज़ार टन है. इस काम में भारत समेत 35 देशों के वैज्ञानिक शामिल है.
आपको बता दें की फ्रांस द्वारा बनाए जा रहे इस अर्टिफिशियल सूरज का प्रोजेक्ट अगर कामयाब हो गया तो तमाम देशों में चल रही ऊर्जा की समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगी. न्यूक्लियर फ्यूजन पर अपनी बादशाहत कायम करने की कोशिश कर रहे वैज्ञानिक इस सूरज को इतना ताकतवर बना रहे हैं कि इसके एक ग्राम परमाणु ईंधन से 8 टन तेल के बराबर ऊर्जा बन सके. इसके साथ ही जलवायु परिवर्तन के कहर से जूझ रही धरती को भी संकट से मुक्ति मिल जाएगी. हालांकि यह प्रक्रिया धरती पर दोहराना आसान नहीं है. इस प्रोजेक्ट का नाम फ्रांस में अंतरराष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर प्रायोगात्मक रिएक्टर है. इस प्रोजेक्ट को फ्रांस के दक्षिणी पहाड़ी इलाके में बनाया जा है.
इसमें इंटिग्रेटेड टेक्नोलॉजी और मैटीरियल को टेस्ट किया जाएगा, जिसका इस्तेमाल फ्यूजन से बिजली के व्यवसायिक उत्पादन के लिए किया जाएगा. 1985 में एक्सपेरिमेंट का पहला आइडिया लॉन्च किया गया था. इसकी डिजाइन बनाने में भारत, जापान, कोरिया, यूरोपियन यूनियन और अमेरिका की भूमिका है.