Movie prime

कैसी होती है महिला नागा साधुओं की वेशभूषा? नागा साधू बनने के लिए करना पड़ता है ये काम, जानिए कौन होती हैं नागा साधु?

 


कोरोना महामारी के बीच दो साल निकल जाने के बाद इस बार प्रयागराज माघ मेले में बड़ी संख्या में कल्पवासी आए हैं. माघ मेले में देश के कोने-कोने से साधु संत भी आते हैं. माघ मेले में नागा साधु भी आ रहे हैं. नागा साधु ज्यादा किसी से बात नहीं करते और इनकी दुनिया काफी रहस्यमय होती है. पुरुष नागा साधुओं के साथ ही साथ महिला नागा साधु भी कुंभ में यहां आती हैं.

पुरुष नागा साधुओं की ही तरह महिला नागा साधुओं को लेकर ज्यादा जानकारी नहीं होती. महिला नागा साधुओं का जीवन कैसा होता है? आखिर कोई महिला कैसे नागा साधु बनती है? महिला नागा साधुओं की दिनचर्या कैसी रहती है? कौन होती हैं महिला नागा साधु?  इनका जीवन कैसे होता है?

क्या आप जानते है पुरुषों की तरह महिला नागा साधु भी रहती हैं निर्वस्त्र,जानिए  इससे जुड़े रोचक तथ्य

दरअसल, महिला नागा साधु बनने की प्रक्रिया आसान नहीं होती है एक कठिन तपस्या से गुजरना होता है. अपने आपको ईश्वर के प्रति पूरी तरह समर्पित करना होता है. महिला नागा साधु बनने से पहले 6 से 12 साल तक ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है. अगर कोई महिला ऐसा कर पाती हैं तब उनके गुरु उनको नागा साधु बनने की अनुमति देते हैं. साथ ही इनकी पिछली जिंदगी के बारे में पता किया जाता है. यह पता किया जाता है कि महिला भगवान के प्रति कितनी समर्पित है.

interesting facts about female naga sadhu that everyone must know | Photos:  बेहद रहस्यमयी है Female Naga Sadhu की दुनिया, जान कर हैरान रह जाएंगे आप |  Hindi News,

महिला नागा साधु को अपना पिंडदान करना होता है पिछली जिंदगी को भूलना होता है. इसके बाद मुंडन और फिर स्नान कर साधारण महिला से नागा साधु बनने की प्रक्रिया शुरू होती है. साधुओं में वैष्णव, शैव और उदासीन तीनों ही संप्रदायों के अखाड़े नागा बनाते हैं. वहीं महिला नागा साधु एक ही कपड़ा वो भी बिना सिला हुआ पहनती हैं.

महिला नागा साधु बनने की पूरी प्रक्रिया, जानिए उनके स्नान से दीक्षा तक की  कहानी! Mahila naga sadhu. - YouTube

महिला नागा साधुओं को नागिन, अवधूतानी कहकर संबोधित किया जाता है. दूसरी साध्वियां उन्हें माता कहकर पुकारती हैं. महिला नागा साधु पूरी तरह शिव को समर्पित रहती हैं. जागने से लेकर रात में सोने के वक्त तक भगवान में ही लीन रहती हैं. 13 अखाड़ों से जूना अखाड़ा साधुओं का सबसे बड़ा अखाड़ा है. जूना अखाड़े में महिलाओं के माई बाड़ा अखाड़े को भी शामिल कर लिया गया था. 

नागा साध्वी के बारे में इन रहस्यों को जानने के बाद आप भी रह जाएंगे सन्न |  NewsTrack Hindi 1

महिलाओं के इस अखाड़े से अलग अखाड़ों में भी कई महिला साधु हैं जो अलग-अलग अखाड़ों से जुडी हुई हैं और नाग सहित कई अलग-अलग पदवियों से सम्मानित हैं. माई या नागिनों को अखाड़ों के प्रमुख पदों में किसी पद पर नहीं चुना जाता है. माघ मेले का अगला स्नान पर्व 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर पड़ेगा. इसके बाद 21 जनवरी को मौनी अमावस्या, 26 जनवरी को बसंत पंचमी, पांच फरवरी को माघी पूर्णिमा और 18 फरवरी को महाशिवरात्रि के साथ ही माघ मेला संपन्न होगा.