ग्रामीण झारखंड को डिजिटल पहचान से जोड़ने की नई पहल, पंचायत भवनों में स्थापित होंगे आधार सेवा केंद्र

झारखंड सरकार ने ग्रामीण इलाकों में डिजिटल सेवाओं की पहुंच बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। 3 जुलाई को राज्य के सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई-गवर्नेंस विभाग और कॉमन सर्विस सेंटर–स्पेशल पर्पज व्हीकल (CSC-SPV) के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता (MoU) किया गया।
इस समझौते के तहत अब राज्य के पंचायत सचिवालयों में स्थायी आधार नामांकन एवं अपडेट केंद्र खोले जाएंगे। इसके ज़रिए ग्रामीणों को अब आधार से संबंधित कार्यों के लिए शहरों की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा, बल्कि वे अपने नजदीकी पंचायत भवन में ही यह सुविधा प्राप्त कर सकेंगे। यह पूरी योजना झारखंड वित्त नियमावली के नियम 245 के अंतर्गत विशेष स्वीकृति के तहत लागू की जा रही है, जिसमें राज्य सरकार ने CSC-SPV को पंचायत सचिवालयों में आधार सेवाएं प्रदान करने की अनुमति दी है।

कैबिनेट की मंजूरी के बाद मिला हरी झंडी
इस पहल को राज्य सरकार की कैबिनेट से हाल ही में स्वीकृति प्राप्त हुई है, जिससे पंचायत भवनों में आधार से संबंधित स्थायी सेवाओं की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हुआ। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने बताया कि अब CSC-SPV के माध्यम से पंचायत सचिवालय डिजिटल सेवा केंद्र के रूप में कार्य करेंगे। उन्होंने इसे झारखंड के ग्रामीण नागरिकों के लिए डिजिटल पहचान से जुड़ने की दिशा में एक क्रांतिकारी प्रयास बताया।
अब तक किए गए सभी पुराने अनुबंध रद्द कर दिए गए हैं और यूआईडीएआई द्वारा निर्धारित इन-हाउस मॉडल को लागू किया जाएगा। इस समझौते के बाद पूरे राज्य में जल्द ही पंचायत भवनों से आधार नामांकन और अपडेट सेवाएं शुरू की जाएंगी। यह कदम न केवल झारखंड सरकार की डिजिटल बदलाव की नीति को मजबूती देगा, बल्कि डिजिटल इंडिया के लक्ष्य को भी जमीनी स्तर पर साकार करने में सहायक सिद्ध होगा।