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ऑटो और ई-रिक्शा चालकों की हड़ताल से यात्री बेहाल, 30 अगस्त को मुख्यमंत्री संग वार्ता पर निर्भर समाधान

रांची में ऑटो और ई-रिक्शा चालकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल आज तीसरे दिन भी जारी रही, जिससे यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऑटो सेवा ठप होने के कारण लोग पैदल यात्रा करने को मजबूर हैं, जबकि कुछ ने ओला और रैपिडो जैसी सेवाओं का सहारा लिया है। यह हड़ताल 27 अगस्त से शुरू हुई है, जब शहर की ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार के लिए नए नियम लागू किए गए। इन नियमों के तहत रांची शहर को चार जोन में बांटकर ऑटो परिचालन को 3-3 किमी के दायरे तक सीमित कर दिया गया है। ऑटो चालकों ने इन नियमों के खिलाफ विरोध जताते हुए हड़ताल की घोषणा की।

चालकों का कहना है कि इस हड़ताल के कारण लगभग डेढ़ लाख परिवारों के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया है। उनका आरोप है कि राज्य के विधायक और सांसद उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। हालांकि, 30 अगस्त को मुख्यमंत्री ने बातचीत के लिए बुलाया है। चालकों का कहना है कि अगर उनकी मांगें मानी गईं तो हड़ताल समाप्त कर दी जाएगी। लेकिन अगर बात नहीं बनी, तो वे ट्रैफिक एसपी के कार्यालय में अपनी गाड़ियों की चाभी सौंप देंगे और अपनी नाराजगी व्यक्त करेंगे।