देवघर एयरपोर्ट पर कैट-वन सिस्टम की शुरुआत, घने कोहरे में भी सुगम होगी फ्लाइट लैंडिंग

देवघर एयरपोर्ट पर अब कैट-वन सिस्टम की स्थापना हो चुकी है और इसका कैलिब्रेशन भी पूरा कर लिया गया है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इस तकनीक को चालू करने के लिए डीजीसीए को तकनीकी मंजूरी का प्रस्ताव भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही इस सिस्टम को उपयोग में लाया जाएगा। कैट-वन सिस्टम का मुख्य लाभ यह है कि यह घने कोहरे और खराब मौसम में भी फ्लाइट को सुरक्षित तरीके से लैंड कराने में सक्षम है। यह सिस्टम खास तरह की लाइट का उपयोग करता है, जो बादलों और धुंध में भी रनवे का सटीक दृश्य प्रदान करता है।
कैट-वन सिस्टम की उपयोगिता
कैट-वन सिस्टम पायलट को लैंडिंग के दौरान रनवे का सटीक संकेत देता है। यह तकनीक 400 मीटर से कम विजिबिलिटी में भी फ्लाइट की लैंडिंग को संभव बनाती है। रनवे पर लगे रडार सेंसर्स और विमान के बीच संपर्क से यह सिस्टम काम करता है। इससे पायलट को रनवे की स्थिति और विमान की सही दिशा में उतरने की जानकारी मिलती है। इस तकनीक के जुड़ने से देवघर एयरपोर्ट पर दिल्ली और कोलकाता की तर्ज पर खराब मौसम में भी हवाई संचालन जारी रह सकेगा। यह सुविधा विशेष रूप से बारिश और घने बादलों के बीच सुरक्षित उड़ान संचालन सुनिश्चित करेगी।

बताते चलें कि गोड्डा के सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने सोमवार को देवघर एयरपोर्ट का दौरा कर इस सिस्टम की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने एयरपोर्ट अधिकारियों को निर्देश दिया कि यदि इस प्रणाली को चालू करने में कोई विभागीय अड़चन हो, तो तुरंत जानकारी दें।
गौरतलब है कि देवघर एयरपोर्ट पर पहले ही नाइट लैंडिंग की सुविधा चालू की जा चुकी है। अब कैट-वन सिस्टम के जुड़ने से यह एयरपोर्ट अत्याधुनिक तकनीकों से लैस हो गया है, जो झारखंड के हवाई परिवहन के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है।