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कांग्रेस सरकार ने देश को खोखला कर दिया था, मोदी सरकार ने संकट से उबारा : प्रदीप वर्मा

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री प्रदीप वर्मा ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आर्थिक विषयों पर पेश किये गए श्वेत पत्र को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है। भाजपा प्रदेश मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि, श्वेत पत्र में UPA सरकार के साल 2004 से 2014 की नाकामियों को उजागर किया है। वहीं इन्हीं 10 सालों में NDA सरकार की उपलब्धियां को भी दर्शाया गया है। उन्होंने आगे कहा कि, यदि दोनों सरकारों के 10 साल के शासनकाल के आर्थिक पहलुओं का तुलनात्मक अध्ययन किया जाए तो पता चलेगा की कैसे कांग्रेस सरकार ने देश को 10 सालों में खोखला कर दिया। जबकि भाजपा की सरकार ने आर्थिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में कार्य किया।

2014 में एनपीए का प्रतिशत 12.5 फीसदी था, अब 2% से ज्यादा नहीं 
प्रदीप वर्मा ने कहा कि भाजपा को 2014 में ही श्वेत पत्र जारी कर देना चाहिए था। लेकिन ऐसा इसलिए नहीं किया, क्योंकि इससे भाजपा पॉलिटिकल लाभ तो मिलता, लेकिन देश की बदनामी होती। उन्होंने आगे कहा कि बैंक अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण स्तंभ होते हैं। वाजपेई सरकार जब 2004 में सत्ता से गयी थी, तब बैंकों में एनपीए का प्रतिशत 7.8 फीसदी था। इसके बाद साल 2014 में जब यूपीए सरकार का शासन खत्म हुआ, उस वक्त एनपीए का प्रतिशत 12.5 फीसदी था। मोदी सरकार को बेहद जर्जर बैंकिंग सिस्टम मिला था। 10 सालों में इसमें चमत्कारी परिवर्तन हुआ। आज किसी बैंक का एनपीए 2% से ज्यादा नहीं है.

मोदी सरकार में लोगों को रोजगार मिला
प्रदीप वर्मा ने कहा कि यूपीए सरकार में 2G, कोयला, ट्रक कॉमनवेल्थ गेम, आदर्श कोऑपरेटिव सोसाइटी, शारदा चिट फंड, लैंड फॉर जॉब जैसे कई बड़े घोटाले हुए थे। उस वक्त प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह मजबूर होकर देश की अर्थव्यवस्था को चौपट होते हुए देख रहे थे। जब मोदी सरकार के हाथ में देश की बागडोर आयी, तब शौचालय बनाने का काम शुरू हुआ, जिससे लोगों को रोजगार मिला। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर बनाने का कार्य शुरू हुआ। इससे भी लोगों को रोजगार मिला। लोगों को आयुष्मान कार्ड दिया गया जिससे प्राइवेट हेल्थ सेक्टर को सपोर्ट मिला। प्रधानमंत्री मोदी ने सामान्य सी लगने वाली योजनाओं से देश की जीडीपी को बढ़ाया।