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धनबाद: अवैध कोयला कारोबारियों के बीच वर्चस्व को लेकर मारपीट और फायरिंग, एक घायल

कोयलांचल में कोयले के वर्चस्व को लेकर संघर्ष कोई नई बात नहीं है, लेकिन अब अवैध कोयला कारोबार पर दबदबा कायम करने के लिए भी हिंसक झड़पें होने लगी हैं। ताजा मामला ईस्ट बसूरिया ओपी क्षेत्र के बीसीसीएल गोंदुडीह कोल डंप का है, जहां दो गुटों के बीच पहले विवाद हुआ और फिर गोलीबारी तक नौबत आ गई।

गुरुवार रात को इस कोल डंप पर वर्चस्व स्थापित करने को लेकर दो पक्षों के बीच कहासुनी शुरू हुई, जो जल्द ही हाथापाई और फिर फायरिंग में बदल गई। इस दौरान पासवान घोड़ा इलाके के निवासी ललन पासवान को गोली लग गई। घायल को तत्काल एसएनएमएमसीएच अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज जारी है।

कोयला तस्करी को लेकर टकराव
घायल के मामा पंकज पासवान ने बताया कि करीब 25-30 लोग अचानक कोल डंप पर पहुंचे और ट्रकों से कोयला लोड करने का दबाव डालने लगे। वे अवैध रूप से कोयला उठाने की मांग कर रहे थे, लेकिन पासवान घोड़ा के लोगों ने इससे इनकार कर दिया। उनका कहना था कि वे सिर्फ टोकरी और साइकिल से कोयला उठाते हैं और ट्रक लोडिंग से उनका कोई लेना-देना नहीं है।

इस इनकार से नाराज होकर हमलावरों ने पहले मारपीट शुरू कर दी और फिर भागते हुए लोगों पर गोलियां चला दीं। फायरिंग करते हुए हमलावर हनुमान मंदिर तक पहुंच गए, जहां ललन पासवान को गोली लगी। हमलावरों की संख्या 25-30 के करीब बताई जा रही है और सभी ईस्ट बसूरिया खटाल इलाके के निवासी बताए जा रहे हैं।

कोयले की चोरी पर वर्चस्व की जंग
ललन पासवान ने आरोप लगाया कि 40-50 लोगों ने उसे दौड़ाकर गोली मारी। उसने बताया कि गोंदुडीह कोल डंप में पहले मारपीट हुई और फिर उसका पीछा कर गोली चलाई गई। हमलावर जबरन ट्रकों से कोयला लोड करवाना चाहते थे, लेकिन उनके विरोध करने पर हिंसा भड़क गई।

इस संघर्ष की जड़ कोयला चोरी पर नियंत्रण को लेकर है। पासवान घोड़ा के लोग साइकिल और टोकरी से कोयला उठाकर छोटे पैमाने पर अवैध कारोबार करते हैं, जबकि ईस्ट बसूरिया खटाल का दूसरा गुट बड़े स्तर पर ट्रकों से कोयले की तस्करी करता है। गुरुवार रात खटाल के लोगों ने जबरन कोयला उठाने की कोशिश की, जिसका विरोध करने पर यह हिंसक झड़प हुई। पुलिस मामले की जांच में जुटी है और दोषियों की पहचान कर कार्रवाई करने की तैयारी में है।