झारखंड में आतंक का अंत: कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू एनकाउंटर में ढेर, जानिये घटना की पूरी कहानी

झारखंड में आतंक का पर्याय बन चुके कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू का सफर एनकाउंटर में खत्म हो गया। मंगलवार सुबह झारखंड एटीएस (ATS) की टीम ने पलामू जिले के चैनपुर थाना क्षेत्र के अंधारी ढोडा इलाके में उसे मुठभेड़ के दौरान मार गिराया।
पलामू के पुलिस कप्तान रिष्मा रमेशन के अनुसार, एटीएस की टीम अमन साहू को रायपुर जेल से रिमांड पर लेकर रांची ला रही थी। तभी घात लगाए अपराधियों ने पुलिस दल पर बम से हमला कर दिया। इस हंगामे के बीच अमन साहू ने हवलदार राकेश कुमार की इंसास रायफल छीनकर भागने की कोशिश की। जब पुलिस ने उसे रोकने की कोशिश की, तो उसने जवाबी फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें एक हवलदार घायल हो गया। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोलियां चलाईं, जिससे अमन साहू मौके पर ही ढेर हो गया।
अपराध जगत में हड़कंप, व्यापारियों ने ली राहत की सांस
अमन साहू के मारे जाने की खबर से पूरे अपराध जगत में खलबली मच गई है। उसके गैंग से जुड़े अपराधियों के चेहरे पर डर साफ झलक रहा है। वहीं, झारखंड के व्यापारियों और कारोबारियों ने इस कार्रवाई पर संतोष जताया और पुलिस की सराहना की। कई व्यापारियों ने कहा कि झारखंड पुलिस की सख्ती बनी रहनी चाहिए, ताकि अपराध पर पूरी तरह से लगाम लग सके।

झारखंड पुलिस ने दिया साफ संदेश
झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने हाल ही में मीडिया से कहा था कि अमन साहू, विकास तिवारी और अमन श्रीवास्तव जैसे कुख्यात अपराधी जेल के अंदर से ही अपने गिरोह चला रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि इनका आतंक जल्द खत्म किया जाएगा। अमन साहू के एनकाउंटर के साथ ही झारखंड पुलिस ने यह स्पष्ट कर दिया कि राज्य में अपराध को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अपराध की दुनिया में कैसे आया अमन साहू?
अमन साहू, जो रांची के बुढ़मु थाना क्षेत्र के मतबे गांव का रहने वाला था, उसने 12वीं तक की पढ़ाई करने के बाद डिप्लोमा किया और फिर पतरातू में मोबाइल की दुकान खोली। लेकिन जल्द ही वह अपराध की राह पर चल पड़ा। तेज धन कमाने की चाह में उसने जुर्म की दुनिया में कदम रखा और धीरे-धीरे उसका नाम खतरनाक अपराधियों की सूची में शामिल हो गया।
उसका गिरोह झारखंड के कई जिलों—रांची, रामगढ़, चतरा, धनबाद, हजारीबाग, पलामू, लातेहार और बोकारो में रंगदारी वसूलने के लिए कुख्यात था। कोल माइनिंग कंपनियों, कोयला व्यापारियों, ट्रांसपोर्टरों, बिल्डरों और ठेकेदारों को धमका कर वह मोटी रकम ऐंठता था। उसका नाम गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से भी जोड़ा गया था।
अमन साहू के खिलाफ झारखंड और देश के विभिन्न हिस्सों में 100 से अधिक गंभीर मामले दर्ज थे, जिनमें हत्या, लूट, फिरौती, सरकारी परियोजनाओं में लगे वाहनों को आग के हवाले करना शामिल था। कई बार उसे अलग-अलग जेलों में शिफ्ट किया गया, लेकिन उसने अपराध की दुनिया में अपनी पकड़ बनाए रखी।
पुलिस की सख्ती से अपराधियों में दहशत
अमन साहू के एनकाउंटर के बाद झारखंड पुलिस का इकबाल और मजबूत हुआ है। यह कार्रवाई साफ संकेत देती है कि अपराध और अपराधियों के लिए राज्य में कोई जगह नहीं है। पुलिस की इस कार्रवाई ने न केवल व्यापारियों को राहत दी है, बल्कि अपराध जगत में भी एक कड़ा संदेश भेजा है कि कानून से टकराने वालों का हश्र यही होगा।