जमशेदपुर हत्याकांड: 10 साल पुरानी दुश्मनी बनी ट्रांसपोर्टर संतोष सिंह की मौत की वजह

जमशेदपुर में 19 जनवरी की रात ट्रांसपोर्टर संतोष सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड में मुख्य आरोपी रोहित दीक्षित समेत पांच लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस पूछताछ में रोहित ने सनसनीखेज खुलासा किया—उसने यह हत्या अपने पिता की मौत का बदला लेने के लिए की। दरअसल रोहित दीक्षित ने पुलिस को बताया कि 2014 में उसके पिता पशुपतिनाथ दीक्षित उर्फ डब्बू दीक्षित की हत्या कर दी गई थी। उस वक्त वह महज 9 साल का था, लेकिन इस दर्द को कभी नहीं भूला।
19 जनवरी की सुबह उसकी मुलाकात संतोष सिंह से हुई, जहां संतोष ने उसे अपमानित किया। रोहित के अनुसार, संतोष ने कहा, "तेरे बाप को तेरी आंखों के सामने मारा था, वैसे ही तुझे भी मारूंगा।" इतना कहकर उसने रोहित के मुंह पर थूक दिया। इस घटना के बाद रोहित ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर हत्या की योजना बना ली।

हत्या की साजिश: दोस्तों के साथ मिलकर बनाया प्लान
शाम 4 बजे रोहित ने अपने करीबी दोस्त विमल गोप उर्फ टकला, शुभम कुमार, निखिल सिंह, अंकित शर्मा और विवेक सिंह को मानगो गुरुद्वारा बस्ती बुलाया। वहां उसने संतोष द्वारा किए गए अपमान की बात बताई और सभी ने मिलकर हत्या की साजिश रच डाली।
रात 7.45 बजे गुरुद्वारा बस्ती के पास संतोष के पहुंचने की सूचना मिलते ही रोहित अपने दोस्तों के साथ स्कूटी पर वहां पहुंचा। तीनों ओर से उसे घेर लिया गया, ताकि वह भाग न सके। गोली लगने के बाद संतोष एक घर में घुस गया, लेकिन रोहित ने पीछा करते हुए वहीं पर उसे गोली मार दी।
पुलिस ने पांच आरोपियों को दबोचा, हथियार बरामद
पुलिस ने इस मामले में रोहित दीक्षित समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों के पास से एक देसी कट्टा, एक पिस्टल, 315 बोर का कारतूस और हत्या में प्रयुक्त स्कूटी बरामद की गई है।
इसके अलावा, पुलिस ने रौनक सिंह को दिल्ली से ट्रांजिट रिमांड पर लाकर और निखिल सिंह को मानगो से गिरफ्तार कर 27 जनवरी को जेल भेज दिया। पुलिस के अनुसार, रौनक सिंह के पिता टुनटुन सिंह की हत्या 2009 में हुई थी और वह भी संतोष सिंह के परिवार से नाराज था। उसने हत्या की योजना में रोहित का पूरा साथ दिया।