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झारखंड बजट 2025-26: शिक्षा, आधारभूत संरचना और राजस्व वृद्धि पर विशेष जोर

झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने सोमवार को विधानसभा में वर्ष 2025-26 के लिए 1,45,400 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत किया। यह बजट तीन प्रमुख श्रेणियों में विभाजित किया गया है। सामाजिक क्षेत्र को सर्वाधिक प्राथमिकता दी गई है, जिसके लिए 62,840.45 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। आर्थिक क्षेत्र के लिए 44,675.19 करोड़ रुपये और सामान्य क्षेत्र के लिए 37,884.36 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

राजस्व और पूंजीगत व्यय में वृद्धि
वित्त मंत्री ने बताया कि राजस्व व्यय के लिए 1,10,636.70 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 20.48% अधिक है। वहीं, पूंजीगत व्यय के तहत 34,763.30 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई गई है। बजट में आधारभूत संरचना को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया गया है, जिसके लिए राज्य सरकार ने सिंकिंग फंड में निवेश जारी रखा है। अब तक 2,282 करोड़ रुपये का निवेश किया जा चुका है और इस वर्ष 638.13 करोड़ रुपये और जोड़े जाएंगे।

बढ़ती राजस्व आय और टैक्स नीति
राज्य सरकार की आय में लगातार वृद्धि हो रही है। वर्ष 2019-20 में राज्य की अपने स्रोतों से आय 25,521 करोड़ रुपये थी, जो 2023-24 में बढ़कर 41,429.88 करोड़ रुपये हो गई। वित्त मंत्री ने अनुमान जताया है कि 2025-26 में यह बढ़कर 61,056.12 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार बिना कोई नया कर लगाए राजस्व में वृद्धि के लिए विभिन्न उपाय कर रही है।

आधारभूत संरचना के विकास के लिए पीपीपी और सीएसआर मॉडल
सरकार आधारभूत ढांचे को सशक्त बनाने के लिए पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) और सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) फंडिंग को बढ़ावा देने की योजना बना रही है। इसके लिए विभिन्न एजेंसियों की पहचान की जाएगी और नोडल विभागों के अंतर्गत पीपीपी सेल और सीएसआर सेल को सक्रिय किया जाएगा। राज्य व जिला स्तर पर कॉर्पोरेट कंपनियों के साथ समन्वय स्थापित कर सीएसआर फंड से वित्तीय सहायता प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।

केंद्र सरकार से 1.36 लाख करोड़ रुपये की वसूली पर सख्त रुख
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि केंद्र सरकार पर झारखंड का 1.36 लाख करोड़ रुपये बकाया है। यह राशि कोयले की रॉयल्टी, कॉमन कॉज जजमेंट और सरकारी भूमि अधिग्रहण के अंतर्गत केंद्र से प्राप्त होनी है। यदि आवश्यक हुआ, तो राज्य सरकार इस राशि की वसूली के लिए कानूनी मार्ग अपनाने से भी पीछे नहीं हटेगी।

बजट की प्रमुख घोषणाएं

-सरकारी विद्यालयों का विस्तार और सुदृढ़ीकरण किया जाएगा, क्योंकि राज्य के 80% विद्यार्थी इन संस्थानों में पढ़ते हैं।
-स्टेट टेक्नोलॉजी पार्क, स्टेट रिसर्च पार्क, जे-हब, जे-वर्क्स, पीएफआईसी और इनोवेशन हब की स्थापना की जाएगी।
-पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए बेतला, नेतरहाट, माड़ोमाड़ और अन्य स्थानों को टूरिस्ट सर्किट से जोड़ा जाएगा।
-प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति की राशि में तीन गुना वृद्धि की गई है।
-आर्थिक विकास दर 2025-26 में 7.5% रहने का अनुमान।
-आधारभूत संरचनाओं के विकास पर 25,702.41 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
-ओल्ड पेंशन स्कीम को पुनः लागू करने के लिए 832 करोड़ रुपये के पेंशन कोष का गठन।
-राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 2.02% रहने की संभावना।
-राज्य की जीएसडीपी वर्तमान में 4.6 ट्रिलियन रुपये है, जिसे 2029-30 तक 10 ट्रिलियन रुपये तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है।