झारखंड पुलिस में अनुशासनहीनता पर सख्ती, डीजीपी ने मांगी गैर-अनुशासित कर्मियों की सूची

झारखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनुराग गुप्ता ने राज्य के सभी जिलों और इकाइयों से उन पुलिस अधिकारियों और कर्मियों की सूची तलब की है, जिनका आचरण अनुशासनहीन रहा है। सूची मिलने के बाद इन पर डीजीपी स्तर से आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
डीजीपी के आदेश से पुलिस विभाग में मचा हड़कंप
28 फरवरी 2025 को जारी एक आधिकारिक आदेश के बाद झारखंड पुलिस महकमे में हलचल तेज हो गई है। डीजीपी के निर्देश के अनुसार, राज्य के प्रत्येक जिले और इकाई को अपने यहां तैनात ऐसे पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की पहचान कर मुख्यालय को रिपोर्ट सौंपनी होगी, जो अनुशासनहीनता के दायरे में आते हैं। यह आदेश सभी रेंज आईजी और डीआईजी को भेजा गया है।
इन सात बिंदुओं पर मांगी गई रिपोर्ट
पुलिस मुख्यालय ने जिन सात मानकों के आधार पर यह रिपोर्ट मांगी है, वे इस प्रकार हैं—
1. वे पुलिस अधिकारी और कर्मचारी जिन पर आम नागरिकों, विशेषकर महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोप लग चुके हैं और जिन पर पहले कोई कार्रवाई हो चुकी है।
2. वे कर्मी जिनके संबंध अपराधियों और जमीन माफियाओं से जुड़े पाए गए हैं।
3. वे पुलिसकर्मी जो ड्यूटी से अक्सर नदारद रहते हैं।
4. वे अधिकारी और कर्मी जो कार्यस्थल पर शराब के आदी हैं।
5. वे पुलिसकर्मी जो बिना अनुमति समय सीमा बढ़ाकर छुट्टी के बाद देर से ड्यूटी पर लौटते हैं।
6. वे कर्मी जो अपने वरिष्ठ अधिकारियों के प्रति अनुचित व्यवहार रखते हैं और इस कारण उन पर पहले कार्रवाई हो चुकी है।
7. वे पुलिसकर्मी जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं या जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले लंबित हैं।

डीजीपी की कार्रवाई से मचा हड़कंप
डीजीपी अनुराग गुप्ता के पदभार संभालने के बाद से ही झारखंड पुलिस में सुधार की दिशा में कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। बीते एक माह में आधा दर्जन से अधिक पुलिस अधिकारियों का तबादला विभिन्न आरोपों के तहत किया जा चुका है। कई थाना प्रभारियों को निलंबित कर सीधे पुलिस मुख्यालय से नए जिलों में स्थानांतरित कर दिया गया है।
अब इस नए आदेश के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मचा हुआ है, क्योंकि अनुशासनहीनता बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की तैयारी हो रही है।