झारखंड में बने मतदाता सूची के विरुद्ध एक भी अपील दायर नहीं हुई, यह एक सराहनीय उपलब्धि : ज्ञानेश कुमार

नई दिल्ली की सुबह एक ऐतिहासिक अध्याय की साक्षी बनी, जब झारखंड से आए बूथ लेवल अधिकारी (BLO), पर्यवेक्षक और चुनाव से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के निर्देशन में लोकतंत्र की गहराइयों को समझने पहुंचे। इंडिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी एंड इलेक्शन मैनेजमेंट (IIIDEM) में दो दिवसीय विशेष प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें कुल 402 अधिकारी—जिलानिर्वाचन पदाधिकारी (DEO), निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण पदाधिकारी (ERO), BLO और पर्यवेक्षक—ने भाग लिया।
इस प्रशिक्षण का उद्देश्य था मतदाता सूची को अधिक पारदर्शी, अद्यतन और त्रुटिरहित बनाना। मुख्य चुनाव आयुक्त ने सभी प्रतिभागियों की निष्ठा की सराहना करते हुए उन्हें जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1951, मतदाता पंजीकरण नियम 1960, तथा चुनाव संचालन नियम 1961 की गहन जानकारी प्राप्त करने का आह्वान किया।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने इस बात पर विशेष ज़ोर दिया कि विशेष सारांश पुनरीक्षण (SSR) के बाद झारखंड से कोई शिकायत या अपील न आना, इस बात का संकेत है कि अधिकारी अपने दायित्व को पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निभा रहे हैं।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में इंटरएक्टिव सत्र, केस स्टडीज़, रोल प्ले और ईवीएम-वीवीपैट का लाइव डेमो भी शामिल किया गया, जिससे BLO को सिर्फ तकनीकी नहीं बल्कि नैतिक रूप से भी सशक्त बनाया जा सके। उद्देश्य यह था कि हर अधिकारी न केवल मतदाता सूची को संभाले, बल्कि लोकतंत्र की नींव को भी मज़बूती प्रदान करे।