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रांचीवासियों को जल्द मिलेगी जाम से मुक्ति, इस दिन होगा रातू रोड फ्लाइओवर का उद्घाटन

रांची के व्यस्ततम इलाकों में शामिल रातू रोड पर ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने के उद्देश्य से 3.57 किमी लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर अब पूरी तरह बनकर तैयार है। इसका निर्माण नवंबर 2022 में शुरू हुआ था और इसे जनवरी 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य था।

राजधानी रांची की बहुप्रतीक्षित अधोसंरचनात्मक परियोजना — रातू रोड एलिवेटेड कॉरिडोर और फ्लाईओवर — अब बनकर पूरी तरह तैयार हो चुकी है। इस ऐतिहासिक परियोजना का लोकार्पण 3 जुलाई को भारत सरकार के केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी करेंगे। पहले इसका उद्घाटन 19 जून को प्रस्तावित था, लेकिन अब नई तिथि की पुष्टि केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने अपने ट्वीट के माध्यम से की है।


फ्लाईओवर पर विशेष सजावट और हरियाली का कार्य अंतिम चरण में
संजय सेठ ने एनएचएआई के अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्देश दिए हैं कि फ्लाईओवर के पिलरों को तिरंगे की थीम पर एलईडी लाइटिंग से सजाया जाए। यह कार्य तेजी से किया जा रहा है। साथ ही, पिलरों के बीच की खाली जगह पर हरियाली बढ़ाने हेतु घास और पौधे लगाने का काम भी लगभग पूरा हो चुका है।

रातू रोड क्षेत्र को मिलेगा ट्रैफिक से राहत
यह एलिवेटेड कॉरिडोर खासतौर पर रांची के व्यस्ततम क्षेत्रों में से एक — रातू रोड — पर बनने से स्थानीय लोगों को भारी राहत मिलने वाली है। वर्षों से जाम की समस्या झेल रही रातू रोड की करीब एक लाख आबादी के लिए यह एक बड़ी सौगात है।

पंडरा, आईटीआई और पिस्का मोड़ से रातू रोड, कचहरी रोड और कांके रोड की ओर जाने वाले लोगों को अब जाम में फंसने की चिंता नहीं रहेगी। नागा बाबा खटाल से इन क्षेत्रों तक की दूरी महज 7 मिनट में तय की जा सकेगी।

26 महीनों में हुआ निर्माण, तय समय से चार महीने ज्यादा लगे
इस परियोजना की शुरुआत नवंबर 2022 में हुई थी और इसे जनवरी 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। हालांकि भूमि अधिग्रहण और तकनीकी जटिलताओं के कारण इसे पूरा होने में 4 महीने अतिरिक्त लग गए। कुल मिलाकर 26 महीनों में यह परियोजना पूरी हो गई।

तकनीकी विशेषताएं और लागत
3.57 किलोमीटर लंबे इस एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण कार्य राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अंतर्गत किया गया, जिसे केसीसी बिल्डकॉन द्वारा क्रियान्वित किया गया। कुल 400 करोड़ रुपये की लागत से बनी इस परियोजना में जमीन अधिग्रहण और यूटिलिटी शिफ्टिंग जैसी प्रक्रियाएं भी शामिल रहीं।

यह फ्लाईओवर कुल 101 पिलरों पर टिका है। नागा बाबा खटाल से हेहल पोस्ट ऑफिस तक 37 पिलर, और पिस्का मोड़ से इटकी रोड की ओर 300 मीटर आगे तक 14 पिलर तैयार किए गए हैं। पूरे स्ट्रक्चर में कुल 102 स्लैब लगाए गए हैं, साथ ही 600 मीटर लंबा एक रैंप भी बनाया गया है।