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श्रवण मास शुरू, बाबाधाम में कल से उमड़ेगी भक्तों की भीड़, 72 साल बाद दुर्लभ संयोग

बाबाधाम में सोमवार से शुरू हो रहे राजकीय श्रावणी मेले की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। गुरु पूर्णिमा के दिन दुम्मा प्रवेश द्वार पर मंत्री मिथिलेश ठाकुर और दीपिका पांडेय सिंह ने मेले का उद्घाटन किया। श्रावणी मेले के दौरान बाबा मंदिर में आम भक्तों के लिए स्पर्श पूजा बंद रहेगी, और कांवरिये अरघा से जलार्पण करेंगे। एक महीने तक वीआईपी पूजा भी बंद रहेगी। जिला प्रशासन और पुलिस ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं।
देवघर स्थित बाबा धाम में हर साल की तरह इस साल भी श्रावण मास में मासव्यापी राजकीय श्रावणी मेला आयोजित किया जा रहा है। बाबा मंदिर से लेकर कांवरिया पथ तक मेले की तैयारी पूरी कर ली गई है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई इंतजाम किए गए हैं। सोमवार से श्रद्धालुओं को अरघा से ही जलार्पण करना होगा। इसके लिए बाबा मंदिर के गर्भगृह स्थित मंगला खंड में अरघा लगाया गया है।
बीमार, बुजुर्ग और भीड़ में जाने में असमर्थ श्रद्धालुओं के लिए बाह्य जलार्पण की भी व्यवस्था की गई है। रविवार को गुरु पूर्णिमा के मौके पर उमड़ने वाली भीड़ को लेकर भी मंदिर प्रबंधन और जिला प्रशासन ने व्यापक तैयारियां की थी। गुरु पूर्णिमा पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु बाबा मंदिर में स्पर्श पूजा-अर्चना करने पहुंचे।
सनातन धर्म के अनुसार भगवान भोलेनाथ को साल में श्रावण मास सबसे प्रिय है। श्रावण मास में भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए व्रत, पूजा और आराधना करते हैं। इस साल श्रावण मास 21 जुलाई को दोपहर 3:00 बजे शुरू होगा और 19 अगस्त को श्रावण मास पूर्णिमा के साथ संपन्न होगा। श्रावण मास के अवसर पर देश के विभिन्न राज्यों में भक्त कावड़ में मां गंगा का जल लाकर भगवान शिव का अभिषेक करते हैं। वहीं, शिव मंदिरों में भी एक माह तक विभिन्न प्रकार के पूजा कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि 21 जुलाई को दोपहर 3:45 से शुरू होगी जो 22 जुलाई को दोपहर 1:11 तक रहेगी। ऐसे में 22 जुलाई से श्रावण मास का शुभारंभ हो जाएगा और श्रावण मास की पूर्णिमा के साथ इसका समापन होगा।
इस बार श्रावण मास में 72 साल बाद कुछ दुर्लभ संयोग भी बन रहे हैं और श्रावण मास की शुरुआत सोमवार से हो रही है। खास बात यह है कि श्रावण मास का समापन भी सोमवार के दिन पर होगा। इस बार श्रावण मास में कुल पांच सोमवार आ रहे हैं और इस दौरान सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और रवि योग भी बन रहा है। इसके अलावा कुबेर योग, मंगल गुरु युति, शुक्राचार्य योग, बुध आदित्य, लक्ष्मी नारायण योग, गजकेसरी योग और शश राजयोग भी बन रहे हैं।