हजारीबाग से निकली टॉपर टोली, बेटियों ने फिर किया झारखंड को गौरवान्वित
May 28, 2025, 12:41 IST

झारखंड के भवनाथपुर की गलियां आज कुछ खास थीं। वहां उदासी नहीं, बल्कि खुशी की लहर दौड़ रही थी। ढोल की थाप पर लोग झूम रहे थे, हर कोना गीतों से गूंज रहा था और हर किसी की जुबां पर था एक ही नाम—गीतांजलि।
झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) का रिजल्ट आते ही पूरे राज्य की निगाहें जिस नाम पर आकर थम गईं, वह थीं इंदिरा गांधी बालिका विद्यालय, हजारीबाग की छात्रा गीतांजलि। 500 में से 493 अंक हासिल कर उसने न सिर्फ टॉप किया, बल्कि पूरे राज्य का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया।
इस ऐतिहासिक सफलता पर स्कूल में सिर्फ जश्न नहीं हुआ, वहां तो मानो उत्सव की गाथा लिखी गई। गीतांजलि अकेली नहीं थी—रितु, अमृता, पूजा, शिवानी, श्रेया, साक्षी, वर्षा, तनिष्का और कोमल ने भी टॉप-5 में जगह बनाकर साबित कर दिया कि यह विद्यालय अब सिर्फ शिक्षा केंद्र नहीं, बेटियों की उड़ान का अड्डा बन चुका है।

विद्यालय के प्राचार्य प्रवीन रंजन की आंखों में गर्व और चेहरे पर मुस्कान थी। उन्होंने शिक्षकों को गले लगाते हुए कहा, “यह सिर्फ आंकड़े नहीं हैं, यह उस ज़मीन की शक्ति है जो बेटियों को ख्वाब देखना और उन्हें पूरा करना सिखाती है।”
कक्षा 6 से ही यहां की बेटियों को कठोर अनुशासन, निरंतर परीक्षाओं और मेहनत की पाठशाला से होकर गुजरना होता है। शायद यही कारण है कि यह विद्यालय अब झारखंड के शिक्षा मानचित्र पर चमकता सितारा बन चुका है।
गीतांजलि के पिता की आंखों में आंसू थे, लेकिन वो आंसू भावुक गर्व के थे। उन्होंने कहा, “हमने तो बस इतना चाहा था कि बेटी पढ़-लिख जाए, लेकिन आज वह नीट की तैयारी कर रही है। हम यही प्रार्थना करते हैं कि वह डॉक्टर बनकर गांव की सेवा करे।”