टाटानगर स्टेशन में जल्द शुरू होगी वंदेभारत ट्रेन, विकास कार्य शुरू
Jun 16, 2024, 14:31 IST
झारखंडवासियों के लिए खुशखबरी। टाटानगर रेलवे स्टेशन से जल्द ही वंदेभारत ट्रेन चलाई जाएगी। इसका काम तेजी से हो रहा है। रेलवे बोर्ड के निर्णय के बाद यह तय होगा कि यह ट्रेन कहां से कहां तक चलेगी। यह जानकारी दक्षिण-पूर्व रेलवे के जीएम अनिल कुमार मिश्रा ने दी। शनिवार को टाटानगर स्टेशन का निरीक्षण करते हुए उन्होंने यह बातें पत्रकारों से कहीं।
जीएम ने बताया कि दक्षिण-पूर्व रेलवे को कई वंदेभारत ट्रेनें मिली हैं। उन्होंने कई विकास योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी। बताया कि टाटानगर रेलवे स्टेशन पर तीन नए प्लेटफॉर्म और आदित्यपुर में दो अतिरिक्त प्लेटफॉर्म बनाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि टाटानगर स्टेशन के पुनर्विकास का काम जल्द शुरू होगा। यह काम ईसीपी कॉन्ट्रैक्ट के तहत होगा, जिसमें कॉन्ट्रैक्टर को डिजाइन और काम करना है। रेलवे को केवल अपनी जरूरतें बतानी होंगी।
पुनर्विकास के बाद टाटानगर स्टेशन 108 मीटर लंबा और 23 मीटर चौड़ा हो जाएगा। स्टेशन के बीच में 36 मीटर का फुटओवरब्रिज और फूड प्लाजा भी बनेगा। दक्षिण और उत्तर क्षेत्र में मार्केटिंग कॉम्प्लेक्स भी होगा।
वर्तमान में पांच प्लेटफॉर्म हैं, जिन्हें बढ़ाकर आठ किया जाएगा। इसके लिए जमीन अधिग्रहण की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि पर्याप्त जमीन पहले से ही खाली पड़ी है। यहां के खाली भवनों या अतिक्रमित संरचनाओं को हटाया जाएगा। पुनर्वास की जरूरत पड़ने पर यह राज्य सरकार का मामला होगा, क्योंकि रेलवे की ओर से पुनर्वास का कोई प्रावधान नहीं है।
जीएम ने स्वीकार किया कि ट्रेनें देर से चल रही हैं। अप्रैल और मई महीने में कई स्पेशल ट्रेनें चलाई गई थीं, जिससे नियमित ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ। अब इसे सुधारने का काम चल रहा है।
देश के विकास के लिए संसाधनों का निर्माण जरूरी है। इस कारण से ट्रेनों को रद्द किया जा रहा है। समय पर ट्रेनें चलाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
अप्रैल से जून तक का समय काम का होता है। जून से अक्टूबर तक बारिश के कारण काम नहीं हो पाता है। इसके बाद त्योहारी सीजन शुरू हो जाता है, जिससे काम में दिक्कत होती है। तय किया गया है कि 120 दिन पहले किसी भी विकास कार्य के कारण ट्रेनों के रद्द होने की सूचना दी जाएगी, ताकि यात्री अपनी सुविधा के अनुसार टिकट बुक कर सकें।
बालेश्वर हादसे के बाद कवच प्रणाली को लॉन्च किया गया था। दक्षिण-पूर्व रेलवे में भी कवच प्रणाली लागू की जा रही है। 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाले क्षेत्रों में, जैसे दिल्ली से हावड़ा और दिल्ली से मुंबई तक, कवच लगाया जा रहा है ताकि ट्रेनों की दुर्घटनाओं को रोका जा सके। दक्षिण-पूर्व रेलवे में इसे लगाने का सर्वे पूरा होने वाला है और जल्द ही काम शुरू होगा।